चीन से नहीं आ रहा केमिकल, रेट बढऩे से संकट में चर्म और वस्त्र उद्योग Kanpur News
कोरोना वायरस के चलते रुकी आमद उत्पाद बनने में रुकावट आने से करीब 200 इंडस्ट्री प्रभावित।
By AbhishekEdited By: Updated: Wed, 12 Feb 2020 02:30 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। चीन में फैले कोरोना वायरस से शहर के चर्म व वस्त्र उद्योग को तगड़ा झटका लगा है। उत्पाद बनाने में महत्वपूर्ण चीन से आने वाले केमिकल की आमद रुकने से करीब 200 इंडस्ट्री प्रभावित हैं। अभी बैकअप में रखे केमिकल से काम चल रहा है। दिल्ली से जो माल आ रहा है, 15 से 20 फीसद बढ़े हुए दामों पर ही मिल रहा है।
हर महीने आता है 500 टन सोडियम सल्फाइड यूपी डाइज एंड केमिकल मर्चेंट एसोसिएशन के महामंत्री आरके सफ्फड़ ने बताया कि शहर के चर्म व वस्त्र उद्योगों के लिए चीन से हर महीने 400 से 500 टन सोडियम सल्फाइड आता है। इसका दाम 28 से 29 रुपये प्रति किलो था जो अब 35 से 37 रुपये पहुंच गया है। हर महीने 200 से 300 टन साइट्रिक एसिड की जरूरत होती है। इसकी कीमत पहले 44 से बढ़कर 55 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है। हाइड्रोजन पर ऑक्साइड केमिकल की जरूरत शहर के उद्यमियों को करीब 200 टन प्रतिमाह होती है। कीमत 42 रुपये बढ़कर 45 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है। सोडियम फार्मेट के दाम 32 से बढ़कर 34 रुपये प्रतिकिलो हो गए हैं।
दूसरे देशों से पूरी नहीं हो रही सप्लाई उद्यमियों ने ताइवान, बांग्लादेश व जर्मनी की ओर रुख किया है। वे बताते हैं कि इन देशों से केमिकल की कुछ सप्लाई तो हो सकती है लेकिन मांग पूरी होना नामुमकिन है। जबरदस्त मांग को देखते हुए भारत में भी बंद पड़ी इकाइयों ने उत्पादन शुरू कर दिया है।
10 हजार करोड़ के चाइनीज माल का बाजार है शहर इलेक्ट्रॉनिक आइटम, हार्डवेयर, लाइटिंग, खिलौने, गिफ्ट का शहर में बड़ा कारोबार है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य ने बताया कि इन उत्पादों व इससे संबंधित उपकरणों का बाजार 10 हजार करोड़ रुपये का है। चीन से माल न आने के कारण इनकी कीमत 15 से 25 फीसद बढ़ी है। यह वह माल है जो चीन से दिल्ली आया था और बचा हुआ है। मेक इन इंडिया के बाजार इतने बड़ी नहीं, जो उद्यमियों की जरूरत को पूरा कर सके।
डाई इंडस्ट्री का काम भी प्रभावित डाई इंडस्ट्री में जिन रंगों की जरूरत होती है, चीन से आते हैं। प्रोविंशियल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष मनोज बंका ने बताया कि शहर में 70 इंडस्ट्री हैं। चार रंगों से मिलकर एक शेड तैयार होता है। अगर इसमें एक भी रंग कम हो तो शेड नहीं बनाया जा सकता। डाई की कमी के कारण मुंह खोलकर इनकी बिक्री की जा रही है जिससे उद्यमियों को नुकसान हो रहा है।
खास बातें -शहर में चर्म निर्यात की करीब 500 इकाइयां हैं-इनमें से 250 इकाइयां बड़ी व 25 ऐसी हैं जिनका नाम बड़े एक्सपोर्टर में आता है-चर्म उत्पाद के लिए 40 फीसद कच्चा माल चीन से आता है।
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