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अब कैपिटल गेन बांड का लॉक इन पीरियड हुआ पांच वर्ष

आज यानी एक अप्रैल से आयकर विभाग में तमाम बदलाव हुए हैं। नये वित्तीय वर्ष से भूमि व भवन की बिक्री के कैपिटल गेन का उसी में समायोजन भी कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 01 Apr 2018 12:46 PM (IST)
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अब कैपिटल गेन बांड का लॉक इन पीरियड हुआ पांच वर्ष

जागरण संवाददाता, कानपुर : कैपिटल गेन बांड का लॉक इन पीरियड अब तीन नहीं पांच वर्ष का होगा। एक अप्रैल 2018 से आयकर में यह नई व्यवस्था लागू होगी।

आयकर कानून की धारा 54 ईसी के तहत किसी भी लॉग टर्म पूंजीगत संपत्ति की बिक्री पर कैपिटल गेन टैक्स से मुक्ति अनुमन्य थी। बिक्री से छह माह के अंदर एक वित्तीय वर्ष में 50 लाख रुपये तक के कैपिटल गेन बांड खरीदने पर कर मुक्ति मिलती थी। ये बांड तीन वर्ष के लॉक इन पीरियड के थे। अब एक अप्रैल से आयकर विभाग के नियमों में संशोधन हो गया है। अब भूमि व भवन की बिक्री से हो रहे कैपिटल गेन के मामले में ही छूट मिलेगी। अन्य किसी संपत्ति की बिक्री के कैपिटल गेन से छूट नहीं मिलेगी। यह लॉक इन पीरियड पांच वर्ष का होगा।

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ये बदलाव भी होंगे

- बैंकों या पोस्ट आफिस से मिले ब्याज भुगतान पर 10 हजार रुपये तक की धनराशि में टीडीएस की कटौती नहीं करने की छूट मिलती है। अब एक अप्रैल से 60 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को 50 हजार रुपये तक के ब्याज भुगतान पर टीडीएस कटौती नहीं होगी।

- आयकर पैन संख्या आवेदन करने के दायरे का विस्तार किया गया है। अब एक अप्रैल से सभी कारोबारी जिनका वित्तीय लेनदेन 25 हजार से अधिक एक वित्तीय वर्ष में होगा, उन्हें अनिवार्य रूप से पैन लेना होगा।

- कंपनी के निदेशक, फर्मो के साझेदार, ट्रस्ट के ट्रस्टी, किताबों के लेखक, एचयूएफ के कर्ता, कंपनियों के सीईओ को आयकर का पैन अनिवार्य रूप से लेना होगा।

- शिक्षा उपकर व माध्यमिक शिक्षा उपकर के स्थान पर अब स्वास्थ्य व शिक्षा उपकर के नाम से टैक्स की धनराशि का चार फीसद पड़ेगा। यह अभी तक तीन फीसद पड़ रहा था।

- नौकरी पेशा व्यक्ति को यदि उसकी सेवा समाप्ति पर मुआवजा या सेवा के दौरान शर्तो में परिवर्तन के कारण कोई मुआवजा धनराशि मिलती है तो उसे उसकी आय मानी जाएगी।

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40 हजार की मानक कटौती

नौकरीपेशा व्यक्तियों को अपने करयोग्य वेतन से 40 हजार रुपये की धनराशि मानक कटौती के रूप में मिलेगी लेकिन 1,600 रुपये प्रति माह की ट्रांसपोर्ट की कर मुक्ति खत्म हो जाएगी। साथ ही 15 हजार रुपये तक की चिकित्सा खर्च की छूट भी समाप्त हो जाएगी। जिन कर्मचारियों को इन दोनों मद में धन नहीं मिल रहा होगा, उन्हीं को 40 हजार की छूट का पूरा लाभ मिलेगा।