लव मैरिज... सरकारी नौकरी लगते पति से हो गया मोहभंग, अब कोर्ट ने सुनाया आखिरी फैसला
सरकारी नौकरी मिलते ही दो बच्चों की मां का पति से मोहभंग हो गया। पत्नी ने पति को छोड़ दिया और बेटे से भी मिलने नहीं दिया। पति ने परेशान होकर पारिवारिक न्यायालय में तलाक का मुकदमा दायर किया और कोर्ट से तलाक की मंजूरी मांगी। कोर्ट ने बेटे से पिता को न मिलने देने और पति का परित्याग करने को मानसिक क्रूरता मानते हुए तलाक करने का आदेश दिया।
जागरण संवाददाता, कानपुर। सरकारी नौकरी मिलते ही सात फेरों की कसम तोड़ दी। पति ने पारिवारिक न्यायालय में तलाक का मुकदमा दाखिल कर कहा कि पत्नी का हर सहयोग करते हुए पढ़ाया-लिखाया, जब उसे शिक्षिका की नौकरी मिल गई तो बेटे को लेकर उससे अलग हो गई। बेटे को नहीं मिलने दिया जाता है। कोर्ट ने तलाक मंजूर कर लिया।
बर्रा निवासी एक युवक ने सर्वोदय नगर निवासी पत्नी के खिलाफ तलाक का मुकदमा दाखिल किया था। इसमें कहा था कि उन दोनों की मुलाकात इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी कानपुर विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान हुई थी। फरवरी 2008 में दोनों का प्रेम विवाह हुआ। उसने पत्नी को 2009-10 में बीएड कराया।
नौकरी के बाद छोड़ा पति का साथ
उसके एक 13 और दूसरा 10 वर्ष का बेटा है। वर्ष 2015 में पत्नी का चयन सरकारी अध्यापिका के पद पर हो गया। वह इटावा के एक गांव में कमरा लेकर रहने लगी। उसके बेरोजगार होने के कारण मिलने से आने पर रोक लगा दी। छोटे बेटे से भी नहीं मिलने दिया जाता है।अधिवक्ता अनूप शुक्ला ने बताया कि पति की तरफ से कोर्ट में परिवार न्यायालय अपर प्रधान न्यायाधीश की कोर्ट में अर्जी लगाकर तलाक की मांग की। कोर्ट ने बेटे से पिता को न मिलने देने और पति का परित्याग करने को मानसिक क्रूरता मानते हुए विवाह को विच्छेदित (तलाक) करने का आदेश दिया।
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