Chandra Grahan 2022 : सूतक काल शुरू होने के साथ मंदिरों के पट बंद, कानपुर में शाम को रहेगा चंद्रग्रहण का समय
चंद्रगहण को लेकर कानपुर शहर में सूतक काल से पहले भक्तों ने कर्तिक पूर्णिमा का गंगा में स्नान और तुलसी पूजन किया इसके बाद मंदिरों के पट बंद कर दिए गए। शाम को चंद्रग्रहण का समय समाप्ति के बाद दीपदान का आयोजन की तैयारी है।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Tue, 08 Nov 2022 11:19 AM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण की छाया का असर यूं रहा कि सोमवार और मंगलवार को दो दिन गंगा घाटों पर स्नान के लिए श्रद्धलुओं का जमावड़ा लगा रहा। शहर में सुबह 9:32 बजे सूतक काल शुरू हो गया, इससे पहले श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया तो भक्तों ने कर्तिक पूर्णिमा की उदयातिथि पर भोर पहर तुलसी पूजन भी किया। सुबह पूजन अर्चन के बाद पुजारियों ने सूतक काल शुरू होते ही मंदिरों के पट बंद कर दिए।
कानपुर में शाम को रहेगा चंद्रगहण का काल
कानपुर शहर में चंद्रग्रहण का समय मंगलवार की शाम को होगा। ज्योतिषाचार्य केए दुबे पद्मेश बताते हैं कि शहर में 8 नवंबर दिन मंगलवार की शाम 5:32 बजे से 6:18 बजे तक चंद्रग्रहण का समय रहेगा। मंगलवार को चंद्रग्रहण के चलते सुबह 9.32 बजे से सूतक काल की शुरुआत हो चुकी है। मंगलवार को उदयातिथि में कार्तिक पूर्णिमा का पूजन करने वाले भक्तों ने सूतक काल से पहले तुलसी पूजन किया। ग्रहण काल में मंदिरों के पट बंद कर दिए गए हैं। सूतक काल समाप्ति के बाद मंदिरों की गंगा जल से धुलाई के बाद पट खोले जाएंगे।
बंद किए गए मंदिरों के पट
मंगलवार को चंद्रग्रहण के चलते बाबा आनंदेश्वर मंदिर के मंदिर सूतक काल शुरू होने से पहले बंद कर दिए गए। भोर पहर चार बजे जूना अखाड़ा के संतों ने मंदिर में महादेव का विधिवत पूजन अर्चन कर शृंगार किया। मंदिराें में बड़ी संख्या में दर्शन के लिए भक्त पहुंचते रहे। स्नान के बाद महादेव के दर्शन कर भक्तों ने सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। शिवाला मंदिर, सिद्धनाथ मंदिर, इस्कान मंदिर, तपेश्वरी देवी मंदिर, बारा देवी मंदिर, जंगली देवी मंदिर में भक्तों दर्शन किए और नौ बजे के बाद सूतक काल से पहले मंदिरों के पट बंद कर दिए गए।सुबह किया गंगा में स्नान और शाम को होगा दीपदान
उदयातिथि की कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए मंगलवार को शहर और आसपास जिलों से श्रद्धलुओं की भीड़ गंगा तटों पर उमड़ती रही। बिठूर के ब्रह्मावर्त, मनु और लक्ष्मीबाई घाट पर शहर के साथ आसपास के इलाकों से पहुंचे भक्तों ने गंगा नदी में भोर पहर आस्था की डुबकी लगाई। घाट पर तुलसी पूजन कर दान किया। शहर के अटल घाट, सरसैया घाट, परमट घाट पर भी गंगा स्नान और तुलसी पूजन के लिए भक्त पहुंचते रहे। चंद्र ग्रहण को लेकर सूतक काल से पहले भक्तों ने कार्तिक पूर्णिमा का स्नान किया। अब देर शाम चंद्रग्रहण काल समाप्ति के बाद गंगा में दीपदान का आयोजन किया जाएगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।