नरक चतुर्दशी : रात्रि में मां काली देंगी वैभव और कीर्ति, बरसेगी हनुमान जी की कृपा
आज के दिन ही श्रीकृष्ण ने नारकासुर का वध किया था। कार्तिक मास की चतुर्दशी पर हनुमान जी के पूजन का विशेष महत्व।
By AbhishekEdited By: Updated: Tue, 06 Nov 2018 12:48 PM (IST)
कानपुर (जागरण संवाददाता)। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मंगलवार को मां काली के साथ ही हनुमान जी की कृपा बरसेगी। भक्त यश, वैभव और कीर्ति का वरदान प्राप्त करेंगे। चतुर्दशी तिथि मंगलवार की रात 10.06 बजे तक रहेगी। इसके बाद से अमावस्या लग जाएगी। ऐसे में मंगलवार को रात में भगवती काली का पूजन भी होगा। निशिथ काल में मां काली का पूजन करने से पद, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी।
यह है नरकहरा चतुर्दशी का महत्व
शास्त्रों को कार्तिक मास के कृष्ण चतुर्दशी को नरकहरा चतुर्दशी कहा गया है। धर्मग्रंथों में ऐसा उल्लेख है कि भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर को इसी दिन मारा था और उसकी कैद से हजारों राजकुमारियों का उद्धार किया था। भगवान विष्णु से महाराज बलि ने यह वरदान मांगा था कि जो व्यक्ति कार्तिक मास के कृष्ण चतुर्दशी के दिन प्रात: स्नान के बाद यमराज के निमित्त तर्पण करेगा तथा सायंकाल सूर्यास्त के उपरांत रात्रि के पहले प्रहर में घर के मुख्य द्वार के बाहर चौमुखी दीपक से दीपदान करेगा। उसके नर्क जाने का भय नहीं होगा।
यह है नरकहरा चतुर्दशी का महत्व
शास्त्रों को कार्तिक मास के कृष्ण चतुर्दशी को नरकहरा चतुर्दशी कहा गया है। धर्मग्रंथों में ऐसा उल्लेख है कि भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर को इसी दिन मारा था और उसकी कैद से हजारों राजकुमारियों का उद्धार किया था। भगवान विष्णु से महाराज बलि ने यह वरदान मांगा था कि जो व्यक्ति कार्तिक मास के कृष्ण चतुर्दशी के दिन प्रात: स्नान के बाद यमराज के निमित्त तर्पण करेगा तथा सायंकाल सूर्यास्त के उपरांत रात्रि के पहले प्रहर में घर के मुख्य द्वार के बाहर चौमुखी दीपक से दीपदान करेगा। उसके नर्क जाने का भय नहीं होगा।
हनुमान जयंती पर विशेष पूजन
कार्तिक मास की चतुर्दशी को हनुमान जयंती का संयोग होने से यह दिन हनुमान जी के पूजन में विशेष महत्व का है। इस दिन पूजन, दर्शन और सुंदरकांड का पाठ करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैया और ग्रह दशा की पीड़ा से मुक्ति मिलेगी।
ज्येष्ठा लक्ष्मी की जयंती
तांत्रिक पंचांग के अनुसार भगवती लक्ष्मी की बड़ी बहन ज्येष्ठा लक्ष्मी (अलक्ष्मी) जो कि दरिद्रता की स्वामिनी हैं उनकी जयंती इसी तिथि को है। जो भक्त इस दिन ज्येष्ठा लक्ष्मी से घर अपने घर से पलायन करने की प्रार्थना करता है उनके घर से दरिद्रता दूर हो जाती है। दीपावली के एक दिन पूर्व अलक्ष्मी के विदा हो जाने से दीपावली के दिन लक्ष्मी के आगमन का मार्ग प्रशस्त होता है।
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