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डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के दस्तावेजों में सामने आई बड़ी चूक, कानपुर में खतौनी में दर्ज नहीं नाम

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए ग्राम समाज व किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया था। लेकिनख् नामांतरण डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन के नाम किए जाने में लापरवाही की गई है। अब एसडीएम सदर एक दर्जन से अधिक लेखपालों पर कार्रवाई करेंगे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Wed, 30 Dec 2020 09:31 AM (IST)
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डीएफसी का भाऊपुर खुर्जा सेक्शन पर मालगाड़ी का संचालन शुरू।

कानपुर, जेएनएन। इस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के भाऊपुर खुर्जा सेक्शन का बुधवार को दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बटन दबाकर वर्चुअल शुभारंभ कर दिया और ट्रैक मालगाड़ियों का भी संचालन शुरू हो गया है। लेकिन, कानपुर नगर में लेखपालों की लापरवाही से एक बड़ी चूक सामने आई है। अब पूरे मामले में एक दर्जन से ज्यादा लेखपालों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए ग्राम समाज व किसानों की भूमि का नामांतरण डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन के नाम किए जाने के मामले में हुई लापरवाही में एक दर्जन से अधिक लेखपालों पर कार्रवाई की जाएगी। नामांतरण की प्रक्रिया 31 दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। एसडीएम सदर और एसडीएम नर्वल उन लेखपालों के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे, जिनकी वजह से भूमि के नामांत्रण का कार्य अभी तक नहीं हो सका। 2012 व 2013 में अमृतसर - कोलकाता डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए भूमि का अधिग्रहण व पुनग्रहण किया गया था।

कानपुर सदर तहसील और नर्वल तहसील के दो दर्जन गांवों में ग्राम समाज की भूमि और किसानों के भूमि का नामांत्रण कॉरपोरेशन के नाम नहीं हो सका। यह भूमि नामांत्रण की प्रक्रिया में त्रुटि के कारण किसानों के नाम ही रह गई। अभिलेखों की पड़ताल में कॉरपोरेशन को यह बात पता चली तो आनन फानन में प्रबंधन ने डीएम आलोक तिवारी को पत्र लिखकर उसे दुरुस्त कराने का आग्रह किया। अब डीएम ने एडीएम को जांच दी है और कहा है कि 31 दिसंबर तक नामांत्रण का कार्य कर लिया जाए। डीएम आलोक तिवारी ने बताया कि मामले में दोषी लेखपालों पर कार्रवाई होगी।

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