नई समय सारिणी में मुसीबत बना प्रतापगढ़ इंटरसिटी एक्सप्रेस का सफर Kanpur News
पहले दो दिनों में सात सौ लोगों की ट्रेन छूटी कार्यालयों में काम करने वालों के लिए दस मिनट का फासला बेहद कम।
कानपुर, जेएनएन। रेलवे की नई समय सारिणी में एक अव्यवहारिक बदलाव से सैकड़ों दैनिक यात्रियों की यात्रा में खलल पड़ा है। शुरुआती दो दिनों में इसका असर भी देखने को मिला, जब इंटरसिटी से यात्रा करने वाले लगभग सात से आठ सौ दैनिक यात्रियों की ट्रेन छूट गई।
कानपुर-प्रतापगढ़ इंटरसिटी एक्सप्रेस का नया समय शाम 5.35 से बदलकर 25 मिनट पहले 5.10 बजे कर दिया गया है। ट्रेन कानपुर से वाया उन्नाव, लखनऊ होते हुए रात 11 बजे प्रतापगढ़ पहुंचती है। इंटरसिटी एक्सप्रेस सालों से इसी समय से चल रही थी। चूंकि शाम को पांच बजे सरकारी व निजी कार्यालय बंद होते हैं, इसलिए उन्नाव व लखनऊ निवासी सैंकड़ों दैनिक रेल यात्रियों के लिए इंटरसिटी बड़ा सहारा थी। अब इसका समय घटने से लोग अपने कार्यालयों से निकलकर ट्रेन के समय पर सेंट्रल स्टेशन नहीं पहुंच पा रहे हैं। बदलाव के पहले दो दिनों में लगभग सात से आठ सौ दैनिक यात्रियों की ट्रेन छूट गई। इन हालातों में करीब एक घंटे बाद यात्रियों को ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस में बेहद कठिन परिस्थितियों में यात्रा करनी पड़ी। इससे दैनिक यात्रियों में आक्रोश है। वह ट्रेन को पुराने समय पर ही चलाने की मांग कर रहे हैं।
यह है इंटरसिटी का रूट
कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, निगोहा, बछरांवा, हरचंदपुर, रायबरेली, फुरसतगंज, जैस, कासिमपुर, गौरीगंज, अमेठी, अंटू, चिलबिला होते हुए रात 11 बजे प्रतापगढ़ पहुंचती है।
यात्रियों का दर्द
पान मसाला कंपनी में कार्यरत हूं। इंटरसिटी एकमात्र सहारा थी जल्दी घर पहुंचने के लिए। नए टाइम टेबल में समय पर स्टेशन पहुंचना असंभव है।
अरुण मिश्रा
सोमवार और मंगलवार दोनों दिन ट्रेन छूट गई। आम दिनों की अपेक्षा ढाई घंटा लेट घर पहुंचा। यह फैसला सही नहीं है। इसे बदला जाना चाहिए।
अनिल कुमार सिंह
उन्नाव व कानपुर जाने वाले दैनिक रेल यात्रियों के लिए शाम के समय यही ट्रेन है। समय परिवर्तन से बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।
अनुराग गुप्ता
सोमवार को ट्रेन छूट गई थी। जैसे तैसे मंगलवार को पकड़ पाया। कानपुर के जाम में पांच बजे ऑफिस से निकल समय पर स्टेशन पहुंचना मुश्किल काम है
अमित शुक्ला
कार्यालय से स्टेशन पहुंचने में करीब बीस मिनट लगते हैं। ऐसे में अब इंटरसिटी मिलने से रही। मजबूरी में दूसरे विकल्प देखने पड़ेंगे।
अनुराग सहाय
रेलवे को टाइम टेबल में बदलाव करना चाहिए। इंटरसिटी दैनिक यात्रियों की ट्रेन होती है। जब दैनिक यात्री ही नहीं होंगे तो कैसी इंटरसिटी।
अवधेश अवस्थी
इनका ये है कहना
निश्चित रूप से बड़ी समस्या है। इस मामले में मैं स्टेशन डायरेक्टर कानपुर सेंट्रल से बात करके उनकी रिपोर्ट के आधार पर इस समस्या को संबंधित विभाग के अधिकारियों के पास भेजूंगा।
-अजीत कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी एनसीआर