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दिव्यांगता का दंश मिटा कर बिखेर रहे मुस्कान

चलने फिरने में लाचार पोलियोग्रस्त बच्चे के निश्शुल्क इलाज से लेकर आपरेशन का बंदोबस्त कराते हैं। उद्देश्य सिर्फ दिव्यांगता का दंश झेल रहे इन बच्चों की पीड़ा हर कर उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेरना है।

By Gaurav TiwariEdited By: Updated: Thu, 27 Sep 2018 08:54 AM (IST)

जागरण संवाददाता, कानपुर : चलने फिरने में लाचार पोलियोग्रस्त बच्चे के निश्शुल्क इलाज से लेकर आपरेशन का बंदोबस्त कराते हैं। उद्देश्य सिर्फ दिव्यांगता का दंश झेल रहे इन बच्चों की पीड़ा हर कर उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेरना है। इस कार्य को बखूबी अंजाम दे रहे हैं श्री श्याम जी मित्र मंडल के सदस्य। अब तक 450 से अधिक बच्चों को दिव्यांगता से मुक्ति दिला चुके हैं।

श्री श्याम जी मित्र मंडल के संयोजक अनुपम अग्रवाल, अध्यक्ष अजय सरावगी, महामंत्री राकेश शर्मा, कोषाध्यक्ष विकास अग्रवाल एवं प्रचार मंत्री आशीष गोयल ने पोलियोग्रस्त बच्चों की दिव्यांगता दूर करने का संकल्प ले रखा है। इसके लिए हर वर्ष शिविर लगाते हैं। जयपुर की नारायण सेवा संस्थान से करार भी कर लिया है। वहां से विशेषज्ञ चिकित्सक बुलाते हैं जो दिव्यांग बच्चों का परीक्षण करते हैं। जिनमें आपरेशन से ठीक होने की संभावना होती है, उनकी सर्जरी जयपुर भेजकर कराते हैं। इसका पूरा खर्च वे स्वयं वहन करते हैं। उन दिव्यांग बच्चों में आपरेशन से ठीक होने संभावना नहीं होती, उन्हें व्हील चेयर, ट्राई साइकिल एवं बैसाखी प्रदान की जाती है। संस्था का प्रयास उनकी सर्जरी कराकर दिव्यांगता दूर करना है।

लावारिस मरीजों के इलाज की व्यवस्था
संस्था के सदस्य एलएलआर (हैलट) अस्पताल व उर्सला अस्पताल में भर्ती लावारिस एवं गरीब मरीजों के इलाज की व्यवस्था कराते हैं। इसमें दवाएं, आपरेशन का पूरा खर्च वहन करते हैं। अगर किसी मरीज का हाथ-पैर टूटा है तो उसके लिए इंप्लांट और जरूरी दवाओं का इंतजाम कराते हैं। उनकी तीमारदारी भी करते हैं।

जरूरतमंदों के लिए रक्तदान
संस्था की ओर से प्रत्येक तीन माह में रक्तदान शिविर लगाया जाता है। इसमें संस्था के सदस्य, उनके रिश्तेदार एवं साथी मिलकर रक्तदान करते हैं। प्रत्येक शिविर में 50-60 यूनिट रक्तदान होता है। उनका कहना है कि रक्त के अभाव में किसी भी जरूरतमंद की जान न जाने पाए, इसलिए रक्तदान शिविर लगाते हैं।

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