डेढ़ दशक से स्वास्थ्य सेवा कर रही कानपुर कपड़ा कमेटी
खरीदारों के बीच अपनी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद कानपुर कपड़ा कमेटी पिछले डेढ़ दशक से स्वास्थ्य सेवाएं दे रही है।
By Krishan KumarEdited By: Updated: Sun, 23 Sep 2018 06:00 AM (IST)
कानपुर यूं तो प्रदेश का सबसे बड़ा कारोबारी शहर है। यह शहर कपड़े के मामले में कभी दुनिया में अपनी धाक रखता था और आज भी कपड़े के कारोबार में पूरे प्रदेश का इसका कोई सानी नहीं है। पूरे प्रदेश से आने वाले खरीदारों के बीच अपनी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद कानपुर कपड़ा कमेटी पिछले डेढ़ दशक से स्वास्थ्य सेवाएं दे रही है।
कानपुर कपड़ा कमेटी के कार्यालय में लंबे समय तक डिस्पेंसरी चलती रही, लेकिन जगह कम होने की वजह से अब कपड़ा कमेटी ने चाचा नेहरू अस्पताल को संचालित करने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार के सामने रखा है। दूसरी ओर पिछले डेढ़ दशक से कमेटी नेत्र शिविर का आयोजन कर रही है। इसका कैंप कमेटी के कार्यालय में लगता है, लेकिन आपरेशन चाचा नेहरू अस्पताल में होते हैं। पिछले कई वर्षों से इस शिविर में 60-65 मरीज आ रहे हैं। कपड़ा कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीकृष्ण गुप्ता के मुताबिक जिनका ऑपरेशन होता है, उन्हें दवाएं, चश्मा, कंबल निशुल्क दिया जाता है। यह सुविधा खासतौर पर बाजार में जो कर्मचारी हैं, उनके परिजनों के लिए है। यह शिविर हर वर्ष दिसंबर और जनवरी में होता है।
स्वास्थ्य शिविर में उमड़ती भीड़
कमेटी कार्यालय में ही स्वास्थ्य शिविर भी पिछले छह वर्ष से लगाया जा रहा है। इसमें आने वाले लोगों का निशुल्क ईसीजी होता है। इसके अलावा ब्लड, शुगर, बीपी आदि की भी जांच होती है। हर वर्ष सितंबर, अक्टूबर में इसका शिविर लगता है। डॉक्टरों की टीम से परीक्षण कराने के लिए चार सौ तक मरीज यहां आते हैं। सर्दी में अलाव की व्यवस्था
सर्दी के दिनों में जब बहुत अधिक ठंड पड़ती है तो कमेटी की तरफ से बाजार में करीब डेढ़ दर्जन स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की जाती है। बाजार में पल्लेदार लगातार दुकानों के आसपास ही रहते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए यह जरूरी है।
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सर्दी के दिनों में जब बहुत अधिक ठंड पड़ती है तो कमेटी की तरफ से बाजार में करीब डेढ़ दर्जन स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की जाती है। बाजार में पल्लेदार लगातार दुकानों के आसपास ही रहते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए यह जरूरी है।