कानपुर में फिर दौड़ेगा वस्त्र उद्योग का पहिया, लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार, जानिए - कैसे होगा संभव
Mega Cluster Textile Park Kanpur Project एक हजार एकड़ में बनने वाले इस मेगा पार्क में सिलाई से लेकर उत्पाद बनाने की होगी इकाइयां। मुख्य सचिव रमा रमण ने बताया कि मेगा क्लस्टर टेक्सटाइल पार्क एक हजार एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा।
By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Fri, 12 Feb 2021 07:16 AM (IST)
कानपुर, जेएनएन। Mega Cluster Textile Park Kanpur Project पूरब का मैनचेस्टर कहा जाने वाला कानपुर फिर से वस्त्र उद्योग में रुतबा कायम करेगा। देश भर में बनने वाले सात मेगा क्लस्टर टेक्सटाइल पार्क में से एक कानपुर में बनाया जाएगा। प्रदेश में दो टेक्सटाइल पार्क बनाए जाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वस्त्र मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। बता दें कि ऐसा ही एक और पार्क गोरखपुर में भी विकसित किया जाएगा। यह जानकारी हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव रमा रमण ने यूपिका भवन में दी। वे गुरुवार को समर्थ स्कीम फॉर कैपिसिटी बिल्डिंगग फॉर टेक्सटाइल सेक्टरÓ प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान अपने विचार प्रस्तुत कर रहे थे।
एेसा होगा कानपुर के मेगा क्लस्टर टेक्सटाइल पार्क का स्वरूप मुख्य सचिव रमा रमण ने बताया कि मेगा क्लस्टर टेक्सटाइल पार्क एक हजार एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा। इससे डेढ़ से दो लाख श्रमिक व कामगारों को रोजगार मिलेगा। सात मेगा पार्क बनाने के लिए केंद्र सरकार ने कुल 10 हजार करोड़ रुपये की योजना बनाई है। वस्त्र उद्योग से कानपुर का नाता बहुत पुराना है इसलिए यहां पर हुनरमंदों की कोई कमी नहीं है। मेगा टेक्सटाइल क्लस्टर में वस्त्र बनाने से संबंधित सभी हुनरमंद सिलाई-कढ़ाई से लेकर उत्पाद बनाने का कार्य करेंगे। नई टेक्सटाइल पॉलिसी के तहत इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क की रूपरेखा तैयार किए जाने के बाद प्रदेश सरकार जल्द ही इसे अमली जामा पहनाएगी। कार्यक्रम में यूपिका के प्रबंध निदेशक गोविंद राजू एनएस, संयुक्त प्रबंध निदेशक केपी वर्मा समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें: जानिए - कानपुर में मेगा क्लस्टर टेक्सटाइल पार्क बनने के क्या हैं फायदे और क्या है उद्यमियों की रायएक हाथ में मोबाइल, दूसरे में लैपटॉप रखें अधिकारी
मुख्य सचिव ने कहा कि यूपिका और हथकरघा विभाग के अधिकारी पुरानी कार्यप्रणाली छोड़कर तकनीक के साथ प्रशिक्षण दिए जाने की रूपरेखा बनाएं। प्रशिक्षण के बाद नौकरी दिलाना भी उनकी जिम्मेदारी होनी चाहिए। इसके लिए शहर में विभिन्न इंडस्ट्री एसोसिशन के साथ करार कर सकते हैं। फाइल पर फाइल न बनाएं बल्कि एक हाथ में मोबाइल तो दूसरे में लैपटॉप रखें, योजनाएं बना कार्य को संपादित करते चलें। उन्होंने बताया कि जिन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पिछले दस वर्ष से अपने लाभ नहीं मिले हैं, उन्हें इस वित्तीय वर्ष में सभी लाभ मिल सकते हैं। इस दिशा में काम शुरू हो चुका है।
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