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Mobilab Device: कम समय व कीमत में डिवाइस करेगा 20 तरह की जांच, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए साबित हो सकता है वरदान

स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए बीते कुछ समय से नवाचार हो रहे हैं। इसी क्रम में हृदय लिवर और किडनी की जांच को सुगम व सस्ता बनाने के लिए आईआईटी कानपुर में नवोन्मेष किया गया है। संस्थान में विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित पोर्टेबल जांच डिवाइस मोबीलैब किडनी लीवर और हृदय रोग संबंधी 20 तरह की जांच बेहद कम समय और कीमत में करेगी।

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Mon, 24 Jul 2023 07:09 PM (IST)
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ग्रामीण क्षेत्रों में जांच व्यवस्था और एंबुलेंस सेवा के लिए यह डिवाइस वरदान साबित हो सकती है।

कानपुर [अखिलेश तिवारी]: स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए बीते कुछ समय से नवाचार हो रहे हैं। इसी क्रम में हृदय, लिवर और किडनी की जांच को सुगम व सस्ता बनाने के लिए आईआईटी कानपुर में नवोन्मेष किया गया है। संस्थान में विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित पोर्टेबल जांच डिवाइस मोबीलैब किडनी, लीवर और हृदय रोग संबंधी 20 तरह की जांच बेहद कम समय और कीमत में करेगी। आईआईटी के स्टार्टअप इन्क्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी) के सहयोग से इसे अगले तीन माह में बाजार में उपलब्ध कराने की तैयारी है। ग्रामीण क्षेत्रों में जांच व्यवस्था और एंबुलेंस सेवा के लिए यह डिवाइस वरदान साबित हो सकती है।

गंभीर बीमारियों के उपचार में पैथोलॉजी जांच सबसे अहम है। समय से जांच रिपोर्ट मिलने पर गंभीर रोगी की जान बचाना आसान है, लेकिन बड़े चिकित्सा केंद्रों पर भी जांच रिपोर्ट मिलने में घंटे-दो घंटे का समय लगना सामान्य बात है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो जांच सुविधाओं के अभाव में मरीजों को बड़े चिकित्सा केंद्रों पर भेजना चिकित्सकों की विवशता बन गया है। 

स्टार्टअप प्राइमरी हेल्थ टेक ने निकाला समाधान

इस समस्या का समाधान आईआईटी कानपुर के एसआईआईसी से जुड़े स्टार्टअप प्राइमरी हेल्थ टेक ने निकाला है। स्टार्टअप ने केवल 200 ग्राम वजन वाली डिवाइस तैयार की है, जिसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इससे कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड, यूरिक एसिड, ग्लूकोज, क्रिएटिनिन, बिलीरुबिन, हीमोग्लोबिन आदि की जांच महज एक मिनट में की जा सकती है।

डिवाइस तैयार करने में आईआईटी गुवाहाटी के इंजीनियर साहिल जगनानी और अंकित चौधरी ने अहम भूमिका निभाई है। साहिल बताते हैं कि एआई के साथ नैनो टेक्नोलॉजी और डाटा एनालिटिक्स का प्रयोग कर डिवाइस को तैयार किया गया है। इसे मोबाइल एप से भी जोड़ा गया है, जिससे जांच परिणाम तत्काल चिकित्सक तक पहुंचाया जाना संभव है।

डिवाइस से मिले परिणामों को चिकित्सकों के लिए अत्यंत उपयोगी पाया गया है। आईआईटी के इन्क्यूबेशन सेंटर के साथ मिलकर स्टार्टअप नवोन्मेष के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे हैं। अक्टूबर तक इसे लांच करने की तैयारी है। 

- प्रो. अंकुश शर्मा, प्रभारी एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर।

साहिल बताते हैं कि अनुसंधान करने के बाद डिवाइस को भारत सरकार के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन से प्रमाणित भी कराया गया है। इसे आइएसओ प्रमाण पत्र भी मिला है। डिवाइस की कीमत बाजार में मौजूद जांच उपकरणों के मुकाबले अस्सी प्रतिशत तक कम रखने का लक्ष्य है। 

बाजार में मौजूद सेमी आटो एनालाइजर की कीमत दो से तीन लाख और वजन छह से साढ़े आठ किलोग्राम है। जबकि आटो एनालाइजर मशीन 20 लाख से लेकर 1.2 करोड़ रुपये मिलती है। इसका वजन 570 किलोग्राम से 725 किलोग्राम तक होता है।

डिवाइस की खास बातें

अत्याधुनिक रोबस्ट तकनीक, 200 ग्राम वजन, पोर्टेबल एवं बहुभाषी प्रयोग संभव, एआई का प्रयोग, मॉड्यूलर डिवाइस, बैटरी स्टोरेज अधिक।

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