जनवरी से कानपुर के झकरकटी में बनना शुरू होगा माडल बस स्टेशन, 21 को डाले जाएंगे टेंडर
झकरकटी बस अड्डे को हाइटेक बनाने का कार्य जल्द शुरू होगा। बस अड्डे की 26765 वर्गमीटर भूमि पर आधुनिक बस अड्डा बनाए जाने में 166 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें यात्रियों के लिए रहने के कमरे शापिंग कांप्लेक्स सहित कई अन्य सुविधाएं होंगी।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sun, 24 Oct 2021 03:46 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। पीपीपी माडल के तहत झकरकटी बस अड्डे को हाइटेक बनाने का कार्य जल्द शुरू होगा। झकरकटी सहित प्रदेश के 17 बस अड्डों को पीपीपी माडल के तहत विकसित किए जाने संबंधी बिड (टेंडर) संशोधन को कैबिनेट में मंजूरी मिल चुकी है। मंजूरी मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। 21 अक्टूबर को टेंडर डाले जाएंगे। जनवरी 2022 से झकरकटी बस अड्डे के कायाकल्प का काम शुरू हो जाएगा। झकरकटी बस अड्डे की 26,765 वर्गमीटर भूमि पर आधुनिक बस अड्डा बनाए जाने में 166 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। बस अड्डा विकसित होने पर इसमें यात्रियों के लिए रहने के कमरे, शापिंग कांप्लेक्स, बसों के लिए प्लेटफार्म, चालकों व परिचालकों के लिए विश्रामालय, इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग प्वाइंट सहित कई अन्य सुविधाएं होंगी। झकरकटी बस अड्डे से प्रदेश के अतिरिक्त राजस्थान व दिल्ली के लिए भी बसें संचालित होती हैं।
प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप(पीपीपी) के तहत परिवहन निगम ने 23 बस अड्डों को विकसित करने के लिए चिह्नित किया है। पीपीपी मॉडल के तहत प्रथम चरण में कानपुर के झकरकटी बस अड्डे सहित 17 बस अड्डों को विकसित किया जाएगा। टेंडर प्रकिया पूरी न होने से बस अड्डों को अत्याधुनिक बनाने का कार्य नहीं हो पा रहा था पहले टेंडर प्रक्रिया हुई लेकिन भाग लेने के बाद कंपनियों के न आने से इसे निरस्त कर दिया गया। पिछले दिनों कैबिनेट में टेंडर प्रपत्र में संशोधन के सुझाव को मंजूरी दे दी गई है। इसमें अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग द्वारा जारी पीपीपी नियमावली-2016 के तहत अनुमोदित बिड डाक्यूमेंट तथा कंसेशन एग्रीमेंट में संशोधित किया गया है। सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद अब 21 अक्टूबर को टेंडर डाले जाएंगे। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद कंपनी का चयन होगा। परिवहन निगम के अधिकारियों के मुताबिक टेंडर खुलने के बाद जनवरी में पीपीपी माडल के तहत बस अड्डे को विकसित करने का कार्य शुरू होने की उम्मीद है। बस अड्डा बनकर तैयार होने पर बस अड्डे का कायाकल्प होने के बाद यह लखनऊ के आलमबाग बस अड्डे की तरह नजर आएगा।
पीपीपी मॉडल में मिलेंगी ये सुविधाएं: एसी प्रतीक्षालय, शापिंग मॉल, मनोरंजन के साधन, यात्रियों के ठहरने के लिए कमरे, वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था, बसों के लिए अलग-अलग प्लेटफार्म, समय सारिणी की जानकारी देने के लिए इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले, चालक व परिचालक के लिए विश्रामालय मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, इलेक्ट्रानिक बसों के लिए चार्जिंग प्वाइंट, एडवांस टिकट बुकिंग काउंटर, यात्रियों के लिए मुफ्त वाईफाई, ऑनलाइन टिकट बुकिंग, दैनिक यात्रियों के लिए ऑनलाइन एमएसटी,बसों की ऑनलाइन स्थिति देख सकेंगे।
हर दिन 1200 बसों का आवागमन: झकरकटी बस अड्डे से हर दिन 1200 बसों का आवागमन होता है। रोडवेज बसों के माध्यम से 35000 से 40000 हजार यात्री यहां से यात्रा करते हैं। झकरकटी बस अड्डे से लखनऊ, प्रतापगढ़, रायबरेली, प्रयागराज, वाराणसी, गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, इटावा, अलीगढ़, झांसी, आगरा सहित 60 शहरों के लिए बसों का संचालन होता है। इसके अतिरिक्त दिल्ली व राजस्थान के लिए भी बसें संचालित होती हैं।
बोले जिम्मेदार: पीपीपी माडल के तहत झकरकटी बस अड्ड़े सहित प्रदेश के 17 बस अड्डों को प्रथम चरण में विकसित किया जाना है। इसके लिए 21 अक्टूबर को टेंडर डाले जाएंगे। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद बस अड्डों को विकसित करने का काम शुरू किया जाएगा। - संजय शुक्ला जीएम, टेक्निकल, यूपीएसआरटीसी
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