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Modi Cabinet Reshuffle: यहां पढ़िए- जालौन सांसद भानु प्रताप वर्मा का सभासद से 'मोदी कैबिनेट' तक का सफर

Modi Cabinet Expansion सभासद बनने के बाद भानु प्रताप वर्मा ने वर्ष 1988 में भाजपा का दामन थामा था। उन दिनों भाजपा धीरे- धीरे अपनी पकड़ मजबूत कर रही थी। भानु के परिश्रम से प्रभावित भाजपा आला कमान ने उन्हें वर्ष 1989 में विधानसभा का टिकट दे दिया।

By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Wed, 07 Jul 2021 07:48 PM (IST)
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जालाैन सांसद भानु प्रताप वर्मा की खबर से संबंधित फाइल फोटो।

उरई, [विमल पांडेय]। Modi Cabinet Expansion सांसद बन गया हूं, जनता ने इतनी बार चुना है। पार्टी वर्ष 1989 से टिकट दे रही है। मुझे 10 बार टिकट मिला, ये क्या कम है। लोग तो एक बार के बाद ही अलग कर दिए जाते हैं। पांच बार सांसद चुने जाने के बाद भी मंत्री नहीं बनाए जाने या किसी अन्य मसले पर ज्यादा कुरेदने पर जालौन-गरौंठा-भोगनीपुर संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद भानु प्रताप वर्मा अक्सर यही जवाब देते रहे। बुधवार को उन्हें इसी निष्ठा व समर्पण का प्रतिफल मिला। केंद्र सरकार में मंत्री बनाए गए भानु के धैर्य की प्रशंसा सिर्फ बुंदेलखंड तक ही नहीं सीमित रही, बल्कि वह संसद के गलियारों में भी अपनी सादगी के लिए पहचाने जाते हैं। राजनीति से दूर-दूर तक नाता न रखने वाले भानु प्रताप जब वर्ष 1987 में साथियों के कहने पर सभासद का चुनाव लड़े और जीते तो कोई नहीं जानता था कि वह इस मुकाम तक पहुंचेंगे। सिद्धांतों और सुचिता की राजनीति पर भरोसा करने वाले भानु ने हमेशा ही बुंदेलखंड की तरक्की को अपना मुख्य उद्देश्य माना। बुंदेलों की आवाज बुलंद करते रहे। बुंदेलखंड में रेलवे ट्रैक दोहरीकरण से लेकर पचनदा बांध उनके बड़े काम हैं। जनता की पीड़ा संसद तक मुखर तरीके से उन्होंने हमेशा पहुंचाई।  

पहला चुनाव हारे फिर भी रहे जनता के बीच: भानु प्रताप वर्मा ने वर्ष 1988 में भाजपा का दामन थामा। उन दिनों भाजपा धीरे-धीरे अपनी पकड़ मजबूत कर रही थी। भानु के परिश्रम से प्रभावित पार्टी नेतृत्व ने उन्हें वर्ष 1989 में विधानसभा का टिकट दे दिया। हालांकि, इस चुनाव में वह बसपा प्रत्याशी चैनसुख भारती से करीब 550 मतों से हार गए। इसके बावजूद इलाके में भाजपा का जनाधार बढ़ाने में कामयाब रहे। लगातार जनता के बीच बने रहे। इसका परिणाम रहा कि वर्ष 1991 में भी भाजपा ने भानु पर दांव लगाया। विधानसभा चुनाव में इस बार उन्होंने बसपा के चैनसुख भारती को भारी मतों से हराया। भानु की यह जीत उनकी राजनीतिक पारी का सबसे अहम पड़ाव बन गई। इस जीत ने उन्हें बड़ा नेता बना दिया। वर्ष 1996, 1998, 2004, 2014 और 2019 मे वह सांसद चुने गए। हालांकि, वह 1999 के लोकसभा चुनाव में बसपा के बृजलाल खाबरी और 2009 में सपा के घनश्याम अनुरागी से हार गए।  

भानु प्रताप वर्मा की प्रोफाइल :

  • नाम : भानु प्रताप वर्मा
  • पिता का नाम : सुमेर सिंह
  • माता का नाम : सुमित्रा देवी
  • जन्म तिथि :15 जुलाई 1957
  • शिक्षा : M.A. LLB

राजनीतिक पारी :

  • वर्ष 1988 में सभासद कोंच नगर पालिका
  • वर्ष 1989 में पहली बार भाजपा ने विधान सभा चुनाव का टिकट दिया, चुनाव हारे
  • वर्ष 1991 में पहली बार कोंच विधान सभा क्षेत्र से विधायक चुने गए।
  • वर्ष 1996 में पहली बार सांसद चुने गए
  • वर्ष 1998, 2004, 2014, 2019 में सांसद चुने गए
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