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Muharram 2021: कोरोना के चलते घटा ताजियों का आकार, कानपुर में बढ़ने लगी छोटे ताजियों कही मांग

मुहर्रम शुरू होते ही हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत को याद करने का सिलसिला चल रहा है। घरों व इमामबारगाहों में देर रात तक मजलिसें हो रही है मातम किया जा रहा है। हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत पर रोशनी डाली जा रही है।

By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Tue, 17 Aug 2021 04:51 PM (IST)
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मुहर्रम के ताजिया की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना की वजह से ताजियों का आकार इस बार घट गया है। कोरोना गाइडलाइन की वजह से बड़े ताजियों की खरीद फरोख्त नहीं हो रही है। वहीं, छोटे ताजियों की मांग भी काफी बढ़ गई है। सार्वजनिक स्थानों पर ताजिया न रखने की गाइडलाइन की वजह से इस वर्ष ताजिया बनाने वालों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। कोरोना काल में शुरू हो रहे मुहर्रम में इस वर्ष इमाम चौक पर आलीशान और बड़े ताजिया नहीं दिखाई दे रहे हैं।

मुहर्रम शुरू होते ही हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत को याद करने का सिलसिला चल रहा है। घरों व इमामबारगाहों में देर रात तक मजलिसें हो रही है, मातम किया जा रहा है। हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत पर रोशनी डाली जा रही है।  हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में ताजियादारी की जाती है। ताजिया के रूप में उनके रौजे (मजार) की शबीह (प्रतिकृति) बनाई जाती है। मुहर्रम का चांद निकलने से पहले इमाम बारगाहों व इमाम चौकों पर ताजिया रख दिए जाते हैं। घरों में भी ताजिया रखे जाते हैं। यौम-ए-आशूरा (मुहर्रम की दस तारीख ) को इनको कर्बला में दफन किया जाता है। कोरोना गाइडलाइन की वजह से मुहर्रम में न तो जुलूस निकालने की इजाजत दी गई है, न ही सार्वजनिक स्थलों पर ताजिया रखने के इजाजत है। ऐसे में लोग बड़े ताजिया नहीं ले रहे हैं। घरों में रखने के लिए छोटे ताजिया की मांग काफी बढ़ गई है। बड़े ताजिया की मांग न होने से ताजिया बनाने वालों को काफी नुकसान हुआ है। मुहर्रम शुरु होते ही हर वर्ष हजारों की संख्या में ताजियों की खरीद फरोख्त होती थी। पिछले दो वर्षों से इसमें काफी कमी आ गई है।

इनका ये है कहना: 

बड़े ताजियों की बजाय अजादार घरों में ताजियादारी के लिए छोटे ताजिया ले रहे हैं। कोरोना काल से इमाम चौक व इमामबारगाहों बहुत बड़े ताजिया रखे जाते थे। अन्य शहरों से भी लोग ताजिया लेने यहां आते थे। कोरोना की वजह से बड़े ताजियों की मांग कम हुई है। - हाशिम रिजवी, अंजुमन रजा-ए-इस्लाम

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