रेलवे स्क्रैप की ठेकेदारी में बरसों तक रहा मुख्तार का वर्चस्व, कानपुर में कुछ इस तरह फैला माफिया के जरायम का साम्राज्य
Mukhtar Ansari Crime माफिया मुख्तार अंसारी के जरायम का साम्राज्य औद्योगिक नगरी तक भी फैला था। रेलवे स्क्रैप की ठेकेदारी में बरसों तक मुख्तार अंसारी का वर्चस्व रहा। इस दौरान उसके संबंध स्थानीय गैंगस्टर सऊद अख्तर से हुए। बाद में दोनों रिश्तेदार बन गए तो मुख्तार ने शहर को अपने गुर्गे छिपाने का ठिकाना बना लिया। मुख्तार अंसारी का कानपुर कनेक्शन काफी पुराना है।
जागरण संवाददाता, कानपुर। (Mukhtar Ansari) माफिया मुख्तार अंसारी के जरायम का साम्राज्य औद्योगिक नगरी तक भी फैला था। रेलवे स्क्रैप की ठेकेदारी में बरसों तक मुख्तार अंसारी का वर्चस्व रहा। इस दौरान उसके संबंध स्थानीय गैंगस्टर सऊद अख्तर से हुए। बाद में दोनों रिश्तेदार बन गए तो मुख्तार ने शहर को अपने गुर्गे छिपाने का ठिकाना बना लिया।
मुख्तार अंसारी का कानपुर कनेक्शन काफी पुराना है। अपराध जगत से जुड़े लोगों के मुताबिक करीब बीस साल पहले गाजीपुर से इटावा तक रेलवे स्क्रैप की खरीदारी का काम मुख्तार अंसारी और उसका गिरोह करता था। यह धंधा करीब दस सालों तक चला।
हालांकि स्क्रैप खरीदारी आनलाइन होने के बाद से मुख्तार ने इस काम से हाथ खींच लिया। इस दौरान मुख्तार अंसारी की मुलाकात गैंगस्टर भाई सऊद अख्तर और महफूज अख्तर से हुई। दोनों के खिलाफ तीन दर्जन से ज्यादा मुकदमे हैं। यही नहीं सऊद अख्तर जिले की भूमाफिया सूची के अलावा प्रदेश स्तरीय माफिया की सूची में भी शामिल है, जिनकी पुलिस नियमित निगरानी करती है।
दोनों भाई पप्पू स्मार्ट गिरोह के सदस्य हैं। तीन साल पहले इस गिरोह ने बसपा नेता पिंटू सेंगर की हत्या की थी। अक्टूबर 2020 में उसको गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। मार्च 2021 में हाई कोर्ट से जमानत मिली तो पुलिस ने रासुका की कार्रवाई कर दी।
रासुका की समय सीमा खत्म होने पर फरवरी 2023 को वह जेल से बाहर आ गया। खास बात यह है कि सऊद अख्तर की बेटी की शादी मुख्तार अंसारी के भांजे से हुई है। इस लिहाज से दोनों समधी हैं। इस रिश्तेदारी के बाद मुख्तार के गई गुर्गे शहर में फरारी काटते थे, तो यहां के बदमाश गाजीपुर और मऊ में शरण पाते थे।