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Mulayam Singh Yadav : हलो... पहले तुम हलो.., इटावा में नेताजी के भाषण का अंश जिसने छुड़ा दी थी सबकी हंसी

इटावा के केके कालेज में 19 जनवरी 1997 को लाला हजारी वर्मा सभागार का शिलान्यास कार्यक्रम था और उस समय बतौर मुख्यअतिथि मुलायम सिंह रक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए उपस्थित हुए थे। कार्यक्रम में भाषण देते हुए एक प्रसंग सुनाकर उन्होंने लोगों को खूब हंसाया था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Tue, 11 Oct 2022 01:53 PM (IST)
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इटावा में लाला हजारी वर्मा सभागार के शिलान्यास कार्यक्रम में भाषण दिया था।
कानपुर, जागरण संवाददाता। Mulayam Singh Yadav Speech : समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव यूं ही नहीं जनता के प्रिय नेताजी थे, उनका भाषण का अंदाज भी ऐसा था कि एक बार सुनकर ही लोग बरबस ही उनकी ओर खिंच जाते थे। नेताजी भी आम बोलचाल की भाषा में संबोधन देकर सुनने वाले से सीधा रिश्ता जोड़ लेते थे। लंबे भाषण में बीच-बीच में गुदगुदाते भी रहते थे। चुटीले प्रसंग सुनाकर खुद भी ठहाके लगाते और सुनने वालों को भी खूब हंसते थे। इस तरह हंसते-हंसाते लोगों का दिल जीत लेते थे।

ये बात उस समय की है जब 19 जनवरी 1997 को इटावा के केके कालेज में लाला हजारी वर्मा सभागार का शिलान्यास का कार्यक्रम था और मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) आए थे, तब वह रक्षा मंत्री थे। कालेज प्रांगण में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने लालाजी से जुड़े संस्मरण में एक प्रसंग सुनाया तो मौजूद जनता हंसे बिना रह नहीं सकी।

संबोधन में उन्होंने कहा- ‘लालाजी का मुख्य व्यवसाय घी, गल्ला, तिलहन और दलहन तथा कपास का था। उनकी प्रतिष्ठित फर्म मै. मक्कूलाल ठाकुरदास पर एक दिन बैठकर पढ़ रहा था, तभी फोन घनघनाया। रिसीव किया, तो आवाज आई...हलो। मैंने भी कह दिया...पहले तुम हलो...।’ भाषण की ये बातचीत सुनकर कार्यक्रम में मौजूद लोग भी उनके साथ खूब हंसे थे।

दरअसल, अंग्रेजी भाषा का हेलो शब्द अभिवादन के लिए प्रयोग किया जाता है। इस शब्द का उच्चारण ज्यादातर फोन पर बातचीत की शुरुआत करते हुए लोग करते हैं। वहीं स्थानीय भाषा हलो का मतबल हिलना-डुलना माना जाता है। 

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