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UP News: नेपोटिज्म वाले शिक्षक को नहीं कोई ज्ञान, जांच जारी; पता चला- आरोपित का तो आठ साल पहले हो गया निधन

जीपीजी हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रबंधक दिनेश कुमार गुप्ता का आरोप है कि मोहित मनोहर सामाजिक विज्ञान को पढ़ाने के योग्य नहीं है। इसकी जांच के लिए उन्होंने शिक्षा विभाग को पत्राचार कर कराने का आग्रह किया था। वर्ष 2005 में मोहित तिवारी की नियुक्ति उनकी मौसी तत्कालीन संयुक्त शिक्षा निदेशक प्रभा त्रिपाठी के प्रभाव के चलते सहायक अध्यापक पर समाजिक विज्ञान विषय के लिए हुई थी।

By ankur Shrivastava Edited By: Aysha SheikhUpdated: Sat, 27 Jan 2024 12:40 PM (IST)
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UP News: नेपोटिज्म वाले शिक्षक को नहीं कोई ज्ञान, जांच जारी

जागरण संवाददाता, कानपुर। जूही स्थित जीपीजी हायर सेकेंडरी स्कूल के सहायक अध्यापक की नियुक्ति के विवाद में दर्ज हुए मुकदमे में जब जांच अधिकारी को पता चला कि आरोपित तत्कालीन संयुक्त शिक्षा निदेशक का करीब आठ साल पहले ही निधन हो चुका है तो विवेचना के पहले ही पर्चे में ही उनका नाम हटा दिया। अब जांच सिर्फ सहायक अध्यापक के खिलाफ चल रही है।

वहीं, गुरुवार को माध्यमिक शिक्षक संघ संयुक्त पुलिस आयुक्त से मिलकर मामले में कार्रवाई की मांग की है।  जीपीजी हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रबंधक दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2005 में मोहित तिवारी की नियुक्ति उनकी मौसी तत्कालीन संयुक्त शिक्षा निदेशक प्रभा त्रिपाठी के प्रभाव के चलते फर्रुखाबाद के अल्पसंख्यक संस्था क्रिश्चियन इंटर कालेज के प्रबंधक से साठ-गांठ कर सहायक अध्यापक पर समाजिक विज्ञान विषय के लिए हुई थी।

सामाजिक विज्ञान को पढ़ाने के योग्य नहीं शिक्षक

उसके बाद मोहित का स्थानांतरण बिल्हौर के कालेज में उसी विषय के लिए उसी पद पर हो गया। इसके बाद उन्हें जीपीजी हायर सेकेंडरी स्कूल में सहायक अध्यापक समाजिक विज्ञान विषय के लिए नियुक्ति मिल गई। उनका आरोप है कि मोहित मनोहर इस सामाजिक विज्ञान को पढ़ाने के योग्य नहीं है। इसकी जांच के लिए उन्होंने शिक्षा विभाग को पत्राचार कर कराने का आग्रह किया था।

मामले में पहले शिक्षा विभाग के आडिटर दिनेश सैनी के नेतृत्व में गठित टीम ने की और चार जुलाई 2022 को रिपोर्ट में मोहित मनोहर को समाजिक विज्ञान विषय में अयोग्य दर्शाया। उन्होंने वर्तमान संयुक्त शिक्षा निदेशक कानपुर मंडल से नियुक्त की वेतन अनुमंता का वापस लेने का अनुरोध किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश पर दो जून 2023 को प्रकरण की जांच तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक फतेह बहादुर सिंह को अधिकृत किया गया था।

उन्होंने भी जांच में उल्लेख किया कि मोहित मनोहर तिवारी सहायक अध्यापक सामाजिक विज्ञान के लिए योग्य नहीं है। उन्होंने मोहित मनोहर की नियुक्ति पर कार्रवाई का अनुरोध भी किया था लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई बल्कि वेतन का भुगतान किया जा रहा है। प्रबंधक ने बताया कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि वर्तमान में प्रभा त्रिपाठी का निधन हो चुका है।

मामले में पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं कर रही थी बल्कि पुलिस भी आरोपित को बचाने का प्रयास कर रही थी। थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि संयुक्त पुलिस आयुक्त के आदेश पर मामले मुकदमा दर्ज हुआ है। विवेचक एसआइ विधि चंद्र यादव ने जांच शुरू कर पहले पर्चे में दिवंगत प्रभा त्रिपाठी का नाम हटा दिया है। अब जांच मोहित मनोहर की चल रही है।

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