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Hemoglobin Check At Home: अब डाक्टर के पास नहीं जाने की जरूरत, सिर्फ एक टच से जांचें अपना हीमोग्लोबिन...

Hemoglobin Check At Home थैलीसीमिया व एनीमिया यानी रक्त की कमी से जूझ रहे मरीजों में हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) का स्तर जांचने के लिए रक्त का नमूना जुटाना भी मरीज के लिए कई बार घातक साबित होता है। ऐसे में हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (Harcourt Butler Technical University) यानी एचबीटीयू (HBTU) ने ऐसी डिवाइस तैयार कर दी है जो उंगली को छूकर ही हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) का स्तर बता देती है।

By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Mon, 11 Sep 2023 05:14 PM (IST)
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Hemoglobin Level: सिर्फ एक टच से जांचें अपना हीमोग्लोबिन

जागरण संवाददाता, कानपुर: Hemoglobin Check At Home: थैलीसीमिया व एनीमिया यानी रक्त की कमी से जूझ रहे मरीजों में हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) का स्तर जांचने के लिए रक्त का नमूना जुटाना भी मरीज के लिए कई बार घातक साबित होता है। ऐसे में हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (Harcourt Butler Technical University) यानी एचबीटीयू (HBTU) ने ऐसी डिवाइस तैयार कर दी है, जो उंगली को छूकर ही हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) का स्तर बता देती है। इसके लिए इंफ्रारेड एलईडी और रेड एलईडी किरणों की मदद ली गई है। इससे मरीज को सुई चुभाए बगैर ही महज 15 सेकंड में हीमोग्लोबिन जांचना (Hemoglobin Check) संभव हो सका है।

अनुसंधान में 92 प्रतिशत मिले सटीक परिणाम

विश्वविद्यालय (विवि) की एसोसिएट प्रो. राशी अग्रवाल के इस अनुसंधान से 92 प्रतिशत सटीक परिणाम मिले हैं। एनीमिया की बीमारी (Anemia Disease) से पूरी दुनिया में करोड़ों लोग प्रभावित हैं। इसमें महिलाएं और बच्चे सर्वाधिक हैं। थैलीसीमिया पीड़ितों को नियमित अंतराल पर खून चढ़ाया जाता है।

खून के कमी से जूझ रहे रोगियों के नमूने लेने में परेशानी

एचबीटीयू (HBTU) के कंप्यूटर साइंस विभाग (Computer Science Department) की एसोसिएट प्रोफेसर डा. अग्रवाल बताती हैं कि खून की कमी से जूझ रहे रोगियों और वृद्धों का रक्त नमूना लेने में बड़ी परेशानी होती है। मरीज को भी अधिक कष्ट से गुजरते देखा है। इसी को देखकर ऐसी डिवाइस बनाने का ख्याल आया। हमने जो उपकरण तैयार किया है वह उसी तरह से काम करने में संभव है जैसे आक्सीमीटर काम करता है।

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शरीर में मौजूद हीमोग्लोबिन स्तर की करते हैं पहचान

उंगलियों को कुछ देर के लिए इंफ्रारेड एलईडी व रेड एलईडी के सामने रखा जाता है। इससे मिलने वाले डाटा का विश्लेषण कर मरीज के शरीर में मौजूद हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) स्तर की पहचान करते हैं। इसमें डाटा साइंस, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस भी मदद करता है।

उन्होंने बताया कि डिवाइस में फोटोप्लेथिस्मोग्राफी (Photoplethysmography) का प्रयोग करते हुए उंगलियों में गुजर रहे रक्त के स्तर को पहचानने की तकनीक विकसित की गई है। दरअसल जब लाल रंग की एलईडी रोशनी (LED Light) और इंफ्रारेड एलईडी प्रकाश उंगलियों की त्वचा के संपर्क में आता है तो रक्त वाहिकाओं में बहने वाले रक्त की मात्रा व गुणवत्ता का डाटा मिलने लगता है।

इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम सेंसर और आठ तरह के लगाए गए बैंड

सेंसर टेक्नोलाजी (Sensor Technology) के सटीक प्रयोग के लिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम सेंसर और आठ तरह के बैंड लगाए गए हैं। इस डिवाइस का डाटा एक मोबाइल एप के जरिये कंप्यूटर तक पहुंचता है। जहां डाटा विश्लेषण व एआइ की मदद से परिणाम प्राप्त किया जाता है। इस टेक्निक का पेटेंट भी कराया गया है।

विवि के विद्यार्थियों के एचबी स्तर को जांचने में डिवाइस का प्रयोग 

एचबीटीयू की एसोसिएट प्रोफेसर डा. राशी अग्रवाल के अनुसार, डिवाइस का प्रयोग अभी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के हीमोग्लोबिन (HB) स्तर को जांचने में किया गया है। 92 प्रतिशत सफल परिणाम मिले हैं। अभी डिवाइस की लागत 1000 से 1200 रुपये तक आई है । इसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लायक बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। बाजार में लाने के लिए निवेशकों से बातचीत की गई है।

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