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गरीबी बना देती है इतना मजबूर, ऐसे तो मौत भी नहीं आसान; वृद्ध दंपती ने तीसरे दिन कराया अपने जिगर के टुकड़े का अंतिम संस्कार

Antim Sanskar नौबस्ता में हंसपुरम निवासी 45 वर्षीय मोनीतेश चक्रवती की बीते शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घर में बुजुर्ग मां और पिता थे लेकिन उनके पास बेटे के अंतिम संस्कार के लिए भी रुपये नहीं थे। निराश होकर बुजुर्ग दंपती ने पड़ोसियों से मदद ली और तीसरे दिन बेटे का पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार किया।

By akash shakya Edited By: Aysha SheikhPublished: Mon, 12 Feb 2024 02:10 PM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2024 02:10 PM (IST)
वृद्ध दंपती ने तीसरे दिन कराया अपने जिगर के टुकड़े का अंतिम संस्कार

जागरण संवाददाता, कानपुर। नौबस्ता में हंसपुरम निवासी 45 वर्षीय मोनीतेश चक्रवती की बीते शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घर में बुजुर्ग मां और पिता थे लेकिन उनके पास बेटे के अंतिम संस्कार के लिए भी रुपये नहीं थे।

निराश होकर बुजुर्ग दंपती ने पड़ोसियों से मदद ली और तीसरे दिन बेटे का पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार किया। मूलरूप से पश्चिम बंगाल के मेमोरी निवासी विकास चंद्र चक्रवती नौबस्ता के आवास विकास हंसपुरम में किराये के मकान में पत्नी तापसी और 45 वर्षीय बेटे मोनीतोश चक्रवर्ती के साथ रहते हैं।

उन्होंने बताया कि बीते शुक्रवार को बेटे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। एलएलआर अस्पताल (हैलट) में बेटे की मौत होने के कारण शव को मर्च्युरी में रखवा दिया गया। इस दौरान दंपती के पास बेटे के अंतिम संस्कार के रुपये नहीं थे। इससे शनिवार को पोस्टमार्टम नहीं हो सका।

रविवार को वृद्ध दंपती के पड़ोसियों ने मदद कर मोनीतोश के शव का पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद विद्युत शव दाह गृह में शव का अंतिम संस्कार किया गया। नौबस्ता प्रभारी निरीक्षक जगदीश पांडेय ने प्राथमिक जांच में युवक की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।

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