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अब देखी नहीं जाती एक सदी प्राचीन मंदिर की बदहाली, सीएम को ट्विट करके रखी असल तस्वीर

कानपुर के दलेलपुरवा में एक सदी पुराना मंदिर अनदेखी के चलते अब टूटने के कगार पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फोटो ट्विट करके बदहाली की दस्तां बयां की गई है ताकि मंदिर का जीर्णोद्धार पर पहल हो सके।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Wed, 01 Jun 2022 02:07 PM (IST)
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कानपुर के दलेलपुरवा में टूटने के कगार पर प्राचीन मंदिर।
कानपुर, जागरण संवाददाता। जहां कभी घंटों और मंत्रों की गूंज से सनातन परंपरा और संस्कृति का प्रवाह बरकरार रहता था। आज वहां सन्नाटा क्यों है? जहां की दीवारों और खंभों की बनावट देख पूर्वजों की शिल्पकला से हृदय गौरव से भर उठता था, आज वहां महज ढांचा क्यों है? दलेलपुरवा में एक सदी पुराना मंदिर अपने इसी इसी हाल के साथ सवाल पूछ रहा है। दीवारों का साथ छोड़ता गारे का प्लास्टर। आधार से खिसकती ईंटें। पास में फैला कचरा। अनदेखी के 'हथौड़े' से यह मंदिर दिन ब दिन दरक रहा है। कोई देखने वाला नहीं। अब जब महापौर प्रमिला पांडेय ने अस्तित्व के लिए जूझते शहर के प्राचीन मंदिरों की खोज-खबर के प्रयास शुरू किए तो शहर के लोग भी गंभीर होने लगे हैं। इस कड़ी दलेलपुरवा के इस मंदिर का मुद्दा भी मंगलवार को इंटरनेट मीडिया पर उठा।

कानपुर नगर अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा जिलाध्यक्ष मुकेश जायसवाल ने दलेलपुरवा के प्राचीन मंदिर की दुर्दशा के चित्रों को ट्विट किया। ट्विट में मुख्यमंत्री कार्यालय को संबोधित कर मंदिर के जीर्णोद्धर की मांग की गई है। मुकेश जायसवाल का कहना है कि यह करीब सौ साल पुराना मंदिर है। रखरखाव न होने के कारण टूट कर गिर रहा है। मंदिर का रखरखाव नहीं किया गया तो यह कभी भी टूट कर गिर जाएगा।

अद्धा पहलवान अखाड़ा चौराहे के पास मंदिरों पर कब्जा : दादामियां चौराहे से बगल जाने वाले अद्धा पहलवान अखाड़ा चौराहे के रास्ते में करीब चार से ज्यादा मंदिर है, जिस पर लोगों ने कब्जा करके निर्माण कर लिया है। अभी भी मंदिर के अवशेष दिखायी दे जाएंगे। क्षेत्रीय लोगों ने कहा कि इसकी जांच कराई जाए तो ये मंदिर नजर आएंगे। महापौर ने गुरुवार को जोनवार कब्जे वाले मंदिरों की सूची मांगी थी लेकिन, अफसर अभी तक नहीं दे पाए हैं। इसकी जगह शहर भर में संचलित 196 मंदिरों की सूची थमा दी।

सबसे ज्यादा जोन एक क्षेत्र में मंदिरों में कब्जा है लेकिन, एक भी कागज अफसरों के पास मौजूद नहीं है। चमनगंज, बेकनगंज, दादामिया, दलेलपुरवा, प्रेमनगर, बाबूपुरवा समेत कई इलाकों में मंदिरों में कब्जे हैं। खुद महापौर ने कई जगह कब्जे वाले वाले मंदिरों को देखा और खाली कराने के लिए अफसरों से कहा है।

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