गो एयर इंडिया पर लगा एक लाख का जुर्माना… यात्री को हुई थी परेशानी, कोर्ट ने कहा- टिकट के साथ किराया भी लौटाओ
लोक अदालत ने उड़ान रद्द कर वैकल्पिक यात्रा की व्यवस्था न करने पर विमानन कंपनी गोएयर इंडिया पर एक लाख रुपये का हर्जाना लगाया है। अदालत ने फैसले में कहा है कि गो एयर इंडिया ने उड़ान रद्द कर यात्री को वैकल्पिक यात्रा की सुविधा नहीं दी। इससे वादी को मानसिक और शारीरिक कष्ट हुआ। यह विमानन कंपनी की सेवा में त्रुटि है।
जागरण संवाददाता, कानपुर। कानपुर की स्थायी लोक अदालत ने उड़ान रद्द कर वैकल्पिक यात्रा की व्यवस्था न करने पर विमानन कंपनी गोएयर इंडिया पर एक लाख रुपये का हर्जाना लगाया है।
अदालत ने फैसले में कहा है कि गो एयर इंडिया ने उड़ान रद्द कर यात्री को वैकल्पिक यात्रा की सुविधा नहीं दी। इससे वादी को मानसिक और शारीरिक कष्ट हुआ। यह विमानन कंपनी की सेवा में त्रुटि है। अदालत ने वादी और उनके पिता के टिकट का पैसा और दूसरी उड़ान से आने का किराया समेत कुल 17,982 रुपये का भुगतान करने का भी आदेश दिया है।
यह है पूरा मामला
अधिवक्ता अनूप शुक्ला ने गो एयरलाइंस (इंडिया) अहमदाबाद (गुजरात) के प्रबंध निदेशक जहांगीर एन वाडिया के खिलाफ परिवाद दाखिल किया था। इसमें कहा गया था कि उन्होंने 28 दिसंबर, 2019 को अहमदाबाद से लखनऊ के लिए अपने और पिता राजाराम शुक्ला का टिकट बुक कराया था।25 दिसंबर, 2019 को शाम पांच बजे उड़ान रद्द करने की सूचना दी गई। उनके 80 साल के पिता हृदय रोगी हैं, इसलिए उन्हें एहतियात की आवश्यकता थी। गो एयरलाइंस के कस्टमर केयर का नंबर लगातार व्यस्त बताता रहा। इस कारण वह और उनके पिता स्पाइसजेट एयरलाइंस का टिकट लेकर लखनऊ आए।
कंपनी ने कही ये बात
गो एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक ने अदालत में अपना पक्ष रखकर कहा कि उड़ान रद्द होने के लिए वह उत्तरदायी नहीं हैं। उड़ान रद्द होने का संदेश मोबाइल पर तीन दिन पहले दे दिया था। मेल पर भी जानकारी दी थी। स्थायी लोक अदालत ने अधिवक्ता के पक्ष में फैसला सुनाया है।यह भी पढ़ें: PM Modi News: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल से प्रभावित हुए पीएम मोदी, बोले- आप अंदाजा लगा सकते हैं जब…
यह भी पढ़ें: IIT Kanpur: नए साल में कानपुर आईआईटी करेगा हृदयंत्र का एनीमल ट्रायल, एआई और एमएल के प्रयोग पर रहेगा जोर
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।