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OP Sharma Death : मायानगरी के बादशाह जादूगर ओपी शर्मा का कानपुर में निधन, सपा से लड़ चुके थे चुनाव

OP Sharma Passaway कानपुर के मायानगरी के बादशाह बर्रा-दो निवासी 76 वर्षीय जादूगर ओम प्रकाश शर्मा उर्फ ओपी शर्मा (सीनियर) का गुर्दे की बीमारी के चलते शनिवार देर रात निधन हो गया है। वह कल्याणपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek AgnihotriUpdated: Sun, 16 Oct 2022 05:11 AM (IST)
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OP Sharma Passaway कानपुर में जादूगर ओपी शर्मा का निधन।
कानपुर, जागरण संवाददाता। OP Sharma Passaway मायानगरी के बादशाह बर्रा-दो निवासी 76 वर्षीय जादूगर ओम प्रकाश शर्मा उर्फ ओपी शर्मा (सीनियर) का गुर्दे की बीमारी के चलते शनिवार देर रात निधन हो गया। वह कल्याणपुर स्थित एक नर्सिंगहोम में एक सप्ताह से भर्ती थे। वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर गोविंद नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़े थे।

उनके परिवार में पत्नी मीनाक्षी दिल्ली दूरदर्शन में कार्यरत बड़े बेटे प्रेम प्रकाश शर्मा, मंझले बेटे सत्य प्रकाश शर्मा (ओपी शर्मा जूनियर) और प्रिटिंग का काम करने वाले तीसरे बेटे पंकज प्रकाश शर्मा और संयुक्त राज्य अमेरिका में रह रही सबसे छोटी बेटी रेनू शर्मा हैं।

बेटे पंकज शर्मा ने बताया कि पहली अप्रैल 1952 में मूलगांव बलिया में पिता का जन्म हुआ था। वर्ष 1971 स्माल आर्मस फैक्ट्री (एसएएफ) में डिजाइनर के पद पर नौकरी लगी तो वह शहर आए थे। यहां आकर पहले शास्त्री नगर स्थित कालोनी में रहे। वहां से कई साल पहले बर्रा-दो में घर बनवाया। जो भूतबंगले के नाम से जाना जाता है।

बेटे के मुताबिक पिता देश विदेश में 34 हजार से अधिक शो कर चुके हैं। उनका पहला व्यवसायिक शो मुंबई में किया था। उनके परिश्रम, प्रतिभा को देखते हुए इंडियन मैजिक मीडिया सर्कल ने उन्हें नेशनल मैजिक अवार्ड 2001 व शहंशाह ए जादू की महान उपाधि दी थी। उनके शो का सबसे चर्चित रगबिरंगा इंद्रजाल होता था।

वर्ष 2018 के बाद से उन्होंने शो नहीं किए। उसके बाद उनके मंझले बेटे सत्यप्रकाश जूनियर ओपी शर्मा के रूप में शो कर रहे हैं। शनिवार को उनका मेरठ में शो चल रहा था। पिता के देहांत की जानकारी मिलने के बाद वह घर के लिए निकल पड़े। परिवार के करीबी मुकेश गुप्ता ने बताया कि रविवार को भैरो घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

बड़े भाई से सीखी थी कला

जादूगर ओपी शर्मा का जादू के प्रति बचपन से ही लगाव था। तब वह कक्षा द्वितीय में पढ़ते थे। जादू के शुरूआती करतब उन्होंने अपने बड़े भाई स्व.देवतानंद शर्मा से सीखे थे। जैसे-जैसे बड़े हुए उनकी प्रतिभा में निखार आता गया और उन्होने मायानगरी की दुनिया में अपना नाम स्थापित किया। मुंबई में डिजाइनर इंजीनियरिंग करने के दौरान ही उन्होंने व्यवसायिक शो करने शुरू किए थे। वहीं फिल्मी दुनिया से मंच, साज-सज्जा, मेकअप, लाइटिंग, साउंड, का बारीकी से अध्ययन करने के बाद जादू शो में समावेश कर जादू की कला को सुसज्जित किया 

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