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वायुसेना के युद्धाभ्यास को पैराशूट बनाएगी OPF, छह महीने में ADRDE को देगा 30 'गजराज-2' पैराशूट; इन खूबियों से होगा लैस

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की इकाई हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एडीआरडीई) ने सेना की मांग पर ओपीएफ को गजराज-2 पैराशूट सिस्टम का डिजाइन बनाकर दिया था। ओपीएफ ने अनुसंधान करके पैराशूट बनाया और इसका सफल परीक्षण होने के बाद अब सप्लाई आर्डर मिला है। गजराज 2 पैराशूट सिस्टम की मियाद 15 साल तक है। एक पैराशूट महज दो से तीन सेकेंड में खुल जाता है...

By vivek mishra Edited By: Riya Pandey Updated: Mon, 22 Apr 2024 03:07 PM (IST)
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छह महीने में 30 'गजराज-2' पैराशूट तैयार करके एडीआरडीई को देगा ओपीएफ
विवेक मिश्र, कानपुर। रक्षा मंत्रालय के डीपीएसयू ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआइएल) कंपनी की देश में एकमात्र उत्पादन यूनिट आयुध पैराशूट निर्माणी (ओपीएफ) कानपुर को 30 'गजराज-2' (पैराशूट टैक्टिकल असाल्ट सिस्टम) की सप्लाई का आर्डर मिला है। वायु सेना इन पैराशूट का उपयोग युद्धाभ्यास में करेगी।

पैराट्रूपर्स इस पैराशूट सिस्टम से 400 किमी प्रति घंटे की गति में उड़ने वाले विशेष विमान से अत्यधिक ऊंचाई और दुर्गम क्षेत्रों में बिना जोखिम के सुरक्षित उतर पाएंगे। ओपीएफ छह माह में पैराशूट बनाकर एडीआरडीई को देगा।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की इकाई हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एडीआरडीई) ने सेना की मांग पर ओपीएफ को गजराज-2 पैराशूट सिस्टम का डिजाइन बनाकर दिया था। ओपीएफ ने अनुसंधान करके पैराशूट बनाया और इसका सफल परीक्षण होने के बाद अब सप्लाई आर्डर मिला है।

पहले पीटीए गजराज बनाता था ओपीएफ 

उन्नत संस्करण की श्रेणी में शामिल गजराज-2 पैराशूट वीआइपी या आपात गतिविधियों के समय अपनी उपयोगिता साबित करने वाले भारतीय वायुसेना में शामिल आइएल-76 और सी-17 विशेष विमान से पैराट्रूपर्स को तेज गति में भी दुर्गम क्षेत्रों में बिना खतरे के सुरक्षित उतारेगा। ओपीएफ पूर्व में पीटीए गजराज बनाता था, उस पर अनुसंधान करके उन्नत बनाया है।

इस पैराशूट को खुलने में महज तीन सेकेंड का लगता है समय

गजराज 2 पैराशूट सिस्टम की मियाद 15 साल तक है। एक पैराशूट महज दो से तीन सेकेंड में खुल जाता है। इससे अधिकतम 100 बार ऊंचाई से सुरक्षित लैंडिंग की जा सकती है। यह पैराशूट 140 किग्रा तक पेलोड उठाने में सक्षम है। पीटीए-जी टू पैराशूट का वजन 13.5 किग्रा है, जिसे उन्नत किस्म के नायलान सहित कई अन्य मैटेरियल का इस्तेमाल हुआ है।

आयुध निर्माणी में चल रहा गजराज 2 पैराशूट को बनाने का काम

ओपीएफ महाप्रबंधक एमसी बालासुब्रमणियम के अनुसार, रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ रही है। जीआइएल की उत्पादन यूनिट ओपीएफ में गजराज 2 पैराशूट का उन्नत संस्करण बनाया है। एडीआरडीई ने 30 गजराज 2 पैराशूट सिस्टम का सप्लाई आर्डर दिया है। इसे बनाने का काम आयुध निर्माणी में चल रहा है। संभावना है कि ये पैराशूट का उपयोग वायुसेना युद्धाभ्यास के लिए करेगी।

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