Kanpur: 'श्रीराम जितने तुम्हारे हैं, उतने हमारे हैं....', प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आस्थावान लोग, दिल के उद्गार आए जुबां पर
अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से राशिद या उनके साथी ही आह्लादित नहीं बल्कि हर आस्थावान अभिभूत है। रविवार की छुट्टी के दिन धूप न होने के बाद भी सड़कों पर चहल-पहल थी। लोग व्यस्त थे और मंदिर की तरह घर सड़क गलियां सजा रहे थे। बीच-बीच में इस पर आपस में चर्चा शुरू हुई।
अनुराग मिश्र, कानपुर। मेरे दिल की धड़कन हैं, मेरी आंख के तारे हैं, इन्हें अपना समझकर पास न रख लेना, श्रीराम जितने तुम्हारे...उतने ही हमारे हैं। ये दिल के भाव हैं राशिद आरफी के। साथियों के साथ बात करने के दौरान ही दिल के उद्गार जुबां पर आ गए।
अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से राशिद या उनके साथी ही आह्लादित नहीं बल्कि हर आस्थावान अभिभूत है।
छुट्टी के दिन थी चहल पहल
रविवार की छुट्टी के दिन धूप न होने के बाद भी सड़कों पर चहल-पहल थी। लोग व्यस्त थे और मंदिर की तरह घर, सड़क, गलियां सजा रहे थे और बीच-बीच में आपस में चर्चा शुरू हो जाती तो श्रीराम के प्रति उनकी आस्था और उद्गार शब्दों की शक्ल लेकर बाहर आ रहे थे।दैनिक जागरण टीम मोतीझील पहुंची तो यहां कारगिल पार्क में बड़ी रौनक थी। बाहर खड़े हर वाहन में श्रीराम के चित्र के साथ भगवा ध्वज लगा था। पार्क के गेट पर भी यही दृश्य था। पार्क के भीतर कैफेटेरिया में स्वरूप नगर निवासी प्रवीण बाजपेयी, शिवाजी नगर निवासी देवेंद्र दीक्षित, नागेंद्र यादव और पांडु नगर निवासी नीरज बाजपेयी के साथ गुरुदेव चौराहे के पास रहने वाले संजय मिश्रा और दलेलपुरवा निवासी राशिद अरफी के बीच बातचीत चल रही थी।
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