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साबरमती एक्सप्रेस पलटाने के ल‍िए रखा गया था 90 आर रेल का टुकड़ा! 1998 तक रेलवे करता था इन पटरियों का प्रयोग

झांसी सेक्शन के पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में 16 अगस्त की रात 2.35 बजे अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हो गई थी। इस दुर्घटना की जांच के लिए रेलवे ने एसएजी (वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड) की टीम गठित की थी। एसएजी की टीम ने तीन दिनों तक कानपुर में रहकर घटना के कारणों की जांच पड़ताल की। रेल ट्रैक पर 90 आर रेल का टुकड़ा (पटरी का टुकड़ा) रखा गया था।

By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena Updated: Tue, 27 Aug 2024 08:02 AM (IST)
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साबरमती एक्सप्रेस दुर्घटना के बाद रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला पटरी का टुकड़ा।- जागरण आर्काइव

जागरण संवाददाता, कानपुर। साबरमती एक्सप्रेस को पलटाने के लिए झांसी सेक्शन के पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में रेल ट्रैक पर 90 आर रेल का टुकड़ा (पटरी का टुकड़ा) रखा गया था। यह पटरी का टुकड़ा इंजन के कैटल गार्ड से टकराने के बाद तिरछा हो गया और उससे सटे यात्री कोच को डिरेल कर दिया। इसके बाद सभी कोच एक-एक कर डिरेल होते गए।

यह पटरी का टुकड़ा करीब 26 साल पुराना बताया जा रहा है। तब इसी तरह की पटरी का प्रयोग ट्रेनों के संचालन के लिए रेलवे करता था। यह बात एसएजी की प्राथमिक जांच में निकलकर सामने आयी है। गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने दुर्घटना के बाद अंदेशा जताया था कि रेलवे ट्रैक पर मिले पटरी के टुकड़े को रेल ट्रैक पर बांधकर साबरमती एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश रची गई थी। एसएजी की जांच भी अब इसी दिशा की ओर बढ़ रही है।

अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्‍सप्रेस हुई थी ड‍िरेल 

झांसी सेक्शन के पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में 16 अगस्त की रात 2.35 बजे अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हो गई थी। इस दुर्घटना की जांच के लिए रेलवे ने एसएजी (वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड) की टीम गठित की थी। एसएजी की टीम ने तीन दिनों तक कानपुर में रहकर घटना के कारणों की जांच पड़ताल की। अप और डाउन ट्रैक के बीच मिले पटरी के टुकड़े और इंजन में लगे स्पीडोमीटर की भी जांच की गई। टीम ने पटरी के टुकड़े को रेल ट्रैक पर बांधकर भी देखा था।

1998 तक रेलवे करता था इन पटरियों का प्रयोग

जानकारों के मुताबिक पटरी के टुकड़े का परीक्षण किया गया तो पता चला कि वर्ष 1998 तक रेलवे ऐसी ही पटरी का प्रयोग ट्रेनों के संचालन में करता रहा है। इसकी लंबाई और चौड़ाई मौजूद रेल ट्रैक से भिन्न होती है। इसी नाप के आधार पर अधिकारी इस टुकड़े को 90 आर मानकर चल रहे हैं। पटरी के इसी टुकड़े को रेल ट्रैक से बांधने की बात अभी तक सामने आ रही है।

आशंका जताई जा रही है कि यह पटरी का टुकड़ा इंजन के कैटल गार्ड से टकराया और पहले इंजन को फिर उससे लगे यात्री कोच को डिरेल कर दिया। इंजन और कोच के बेपटरी होते ही दूसरे कोच भी पटरी से उतरते चले गए। एसएजी की टीम को इंजन और उससे लगे यात्री कोच में पटरी के टुकड़े के टक्कर के निशान मिले हैं। अधिकारी बताते हैं कि फिलहाल जो तथ्य सामने आए हैं उसके आधार पर जांच अब इसी दिशा में आगे बढ़ रही है।

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