अब अपराधियों पर एक साथ प्रहार कर रही यूपी और एमपी की पुलिस, इन तरह कसा जा रहा शिकंजा
सीमावर्ती जिलों में सक्रिय अपराधियों पर अब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश पुलिस का एक साथ कहर टूटेगा। इसके लिए वहां सक्रिय शराब माफिया मादक पदार्थ तस्करों भूमाफिया और अपराधियों की थानावार सूची तैयार की गई है। जानकारी साझा करने के लिए वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है। इस ग्रुप में पुलिस महानिरीक्षक से लेकर एडीएम और आबकारी आयुक्त भी शामिल हैं।
जनार्दन मिश्र, कानपुर। सीमावर्ती जिलों में सक्रिय अपराधियों पर अब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश पुलिस का एक साथ कहर टूटेगा। इसके लिए वहां सक्रिय शराब माफिया, मादक पदार्थ तस्करों, भूमाफिया और अपराधियों की थानावार सूची तैयार की गई है।
जानकारी साझा करने के लिए वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है। इस ग्रुप में पुलिस महानिरीक्षक से लेकर एडीएम और आबकारी आयुक्त भी शामिल हैं। बड़ी बात यह है कि इसका असर भी दिखने लगा है। दो सप्ताह में दोनों प्रदेशों की पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में शराब और मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल तीन इनामी बदमाशों को पकड़ा गया है।
इन अधिकारियों ग्रूप में किया गया शामिल
झांसी रेंज के डीआइजी कलानिधि नैथानी के अनुसार, दोनों प्रदेशों की पुलिस व अन्य आला अधिकारियों का एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इसमें चंबल, ग्वालियर के पुलिस महानिरीक्षक, चंबल, झांसी, छतरपुर, सागर और कानपुर के पुलिस उपमहानिरीक्षक, झांसी, ललितपुर के जिलाधिकारी, जालौन, झांसी, इटावा के पुलिस कप्तान, ललितपुर, भिंड, जालौन, निवाड़ी के पुलिस अधीक्षक, अशोकनगर, सागर के एडीएम और सागर के अपर पुलिस अधीक्षक के अलावा आबकारी आयुक्त भी शामिल हैं।ऐसे अपराधी जो अपराध करके दूसरे प्रदेश में छिप जाते थे, इस पर उनकी सटीक जानकारी साझा की गई। दो सप्ताह में ही इसके सार्थक परिणाम भी नजर आने और तीन तस्कर पकड़े गए। उन्होंने दावा किया कि इस व्यवस्था से अपराधियों तक पहुंचने में पुलिस को आसानी होगी और दोनों प्रदेशों में आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लग सकेगा।उन्होंने बताया कि कई स्थानों पर दोनों प्रदेशों की सीमाएं मिलती हैं। यहां टोल प्लाजा और पुलिस चेकिंग बैरियर पर आपसी समन्वय से प्रभावी कार्रवाई की जा रही है।
चुनाव में फर्जी वोटिंग पर भी लगेगा अंकुश
डीआइजी कलानिधि नैथानी के अनुसार, दोनों प्रदेशों की साझा कार्रवाई से चुनावों में फर्जी वोटिंग पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। सीमावर्ती जिलों के गांवों का भी डाटा साझा किया जाएगा। इसके अलावा विशेष तरीके से अपराध के तरीकों को भी साझा करके अपराधियों की पहचान और धरपकड़ की जाएगी।इसे भी पढ़ें: स्वजन ने मुआवजा लिए बिना अंत्येष्टि से किया इनकार, बरेली-फर्रुखाबाद राजमार्ग पर 12 लोगों की हो गई थी मौत
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