बिगड़ गई कानपुर की आब-ओ-हवा, इस सीजन में टूटा वायु प्रदूषण का रिकार्ड
कानपुर में हवा सुधारने के लिए प्रयासों के दावे धरे के धरे रह गए हैं। शहर की हवा में हानिकारक गैसों और सूक्ष्म कणों की मात्रा खतरनाक हो गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब होने से नया रिकॉर्ड बन गया है।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sat, 05 Dec 2020 07:40 AM (IST)
कानपुर, जेएनएन। शहर की हवा सुधारने के लिए प्रयास किए जाने के दावे धरे के धरे रह गए। वायु प्रदूषण इस सीजन का रिकार्ड तोड़ चुका है। वातावरण में हानिकारक गैसों व अतिसूक्ष्म कणों की मात्रा कम होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है। शुक्रवार शाम शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) इतना खराब हुआ कि इस सीजन नया रिकार्ड बन गया।
कानपुर का नाम प्रदूषित शहरों की सूची में फिर से शीर्ष पर पहुंच गया। यह स्थिति सांस रोगियों, टीबी, सीओपीडी, दमा और कोरोना संक्रमण की चपेट में आए लोगों के लिए बेहद खतरनाक है। सर्दी बढऩे से फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाली गैसों का घनत्व बढ़ता ही जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट चेतावनी दे रही है कि शहर की हवा में पीएम 2.5, नाइट्रोजन डाईऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, नैनो पार्टिकल्स की मात्रा में इजाफा हो रहा है। प्रदूषित शहरों की सूची
शहर एक्यूआइ कानपुर 455
लखनऊ 441 गाजियाबाद 440बुलंदशहर 434बागपत 421ग्रेटर नोएडा 415नोएडा 414पटना 404मेरठ 403फरीदाबाद 383दिल्ली 382 अधिकतम मात्रा 500 के पार
गैस/तत्व औसत अधिकतम पीएम2.5 467 500 एनओटू 204 280 एसओटू 43 107जाम बड़ा कारणशहर में वायु प्रदूषण की बड़ी वजह वाहनों से निकलने वाला धुआं और सड़क किनारे उड़ती धूल है। जीटी रोड पर आइआइटी से लेकर मोतीझील पर मेट्रो का निर्माण किया जा रहा है, जहां थोड़ी थोड़ी देर में जाम लग जाता है। एक ही समय में सैकड़ों वाहनों के इंजन से प्रदूषण फैलाने वाला धुआं निकलता है। यह स्थिति परेड, बड़े चौराहा, टाट मिल चौराहा, बिरहाना रोड, स्वरूप नगर, चावला मार्केट चौराहा, नौबस्ता, बर्रा हाईवे, चकेरी, बारा देवी चौराहा, मंधना चौराहा, रावतपुर तिराहा आदि क्षेत्रों में भी रोजाना की है।
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