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कानपुर 'दृश्‍यम कांड' में एकता गुप्‍ता की पोस्‍टमार्टम र‍िपोर्ट आई सामने, फ‍िर भी क्‍यों अनसुलझे हैं सवाल?

Ekta Gupta Murder Case इन दिनों सुर्खियों में बने कानपुर में एकता गुप्ता हत्याकांड में अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हत्या के कारण का खुलासा नहीं हो सका है। अब सैंपल की जांच के लिए विशेषज्ञों को भेजे जा रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक शव के रूप में केवल कंकाल मिला था जिससे मौत का कारण पता लगाना कठिन है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 28 Oct 2024 10:46 AM (IST)
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डीएम आवास के बगल में खाली पड़ी जमीन में जहां हत्या के बाद महिला का शव गड़ा गया था। जागरण
जागरण संवाददाता, कानपुर। एकता गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। अब नमूने जांच के लिए विशेषज्ञों को भेजने की तैयारी है। डाक्टरों के मुताबिक शव के रूप में केवल कंकाल मिला था, जिससे मौत का कारण पता लगाना कठिन है। जब शव बरामद किया गया था तब गले में केवल रस्सी लिपटी मिली थी।

एकता के कंकाल का पोस्टमार्टम रविवार देर शाम तीन डाक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के साथ किया। पैनल में डा. आलोक मिश्रा स्कूल हेल्थ डिस्पेंसरी, डा. अभिषेक सिंह बिल्हौर सीएचसी, डा. मनीषा शुक्ला बिधनू सीएचसी शामिल रहे। प्रक्रिया के दौरान घटनास्थल पर मिले कंकाल को सुरक्षित कर विशेषज्ञों की राय के लिए भेजा गया है।

गले में बंधी हुई थी रस्सी

परिवारीजनों का दावा है कि एकता के कंकाल में गले में एक रस्सी बंधी हुई मिली थी, जिससे उसकी गला दबाकर हत्या की पुष्टि हो रही है। फोरेंसिक विशेषज्ञों के मुताबिक कंकाल से बहुत अधिक निष्कर्ष की गुंजाइश नहीं होती है। गला दबाने से गले की हायड बोन टूट जाती है। यह हड्डी कार्टिलेज की बनी होती है। अगर शव को तीन चार महीने गाड़ दिया जाए तो यह हड्डी भी गल जाती है, जिससे इसके टूटने को लेकर पता नहीं चल पाता है।

पुलिस से भिड़ा हत्यारोपित

पुलिस सूत्रों की मानें तो आरोपित के शहर पहुंचने की जानकारी मिली तो टीम सक्रिय हो गई। सिविल ड्रेस में टीम के दो दारोगा ने जब एक बस अड्डे से पकड़ा तो वह उनसे भिड़ गया।

गंगा में ठिकाने लगाना चाहता था शव

एकता गुप्ता की हत्या के बाद जिम ट्रेनर शव को गंगा में बहा देना चाहता था। यही वजह रही कि घटना वाले दिन वह तीन बार कार लेकर गंगा बैराज की ओर गया। हालांकि इससे पुलिस के दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या विमल ने एकता के शव को सुबह नहीं, बल्कि रात के समय ठिकाने लगाया।

गिरफ्तारी के बाद विमल सोनी ने पुलिस को यही बताया कि उसने एकता की हत्या कर दी है और शव भी गंगा में बहा दिया है। इसके बाद पुलिस ने नाव से गंगा बैराज से जाजमऊ तक खोजबीन की, मगर सफलता नहीं मिली। हालांकि एक बार पुलिस को विमल की बात सच भी लगने लगी थी, क्योंकि उस दिन उसकी लोकेशन तीन बार गंगा बैराज पर मिली थी। सुबह 7.28 बजे जिम ट्रेनर की गाड़ी ग्रीन पार्क के गेट नंबर 2 से बाहर आई।

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सिक्का चौराहा, टैफ्को चौराहा, रेव थ्री चौराहा होते हुए कंपनी बाग होते हुए सुबह 7.41 बजे गंगा बैराज पहुंचा। यहां से वह पांच मिनट बाद ही वापस लौटा। इसके बाद वह दोबारा दोपहर 3.06 बजे से भैरोघाट होते हुए गंगा बैराज की ओर गया। वहां 24 मिनट रुकने के बाद वापस आ गया। तीसरी बार विमल की कार शाम 5.30 बजे गंगा बैराज पर दिखाई दी। विमल पुल पार करके गया। शाम 5.59 बजे विमल वापस लौट आया।

शाम को उसको गंगा बैराज पर देखे जाने के बाद यह संभावना भी बन रही है कि तब तक शव उसने कार में ही छिपा रखा हो, लेकिन उसे गंगा में बहाने का मौका नहीं मिला। हालांकि पुलिस ने भी माना है कि मामले की शिकायत मिलने के बाद बाद भी पुलिस को कार गंगा बैराज की ओर दिखाई दी तो मार कर गंगा में बहा देने का अंदेशा हुआ था, मगर कुछ बरामद नहीं हुआ तो जांच बंद कर दी थी।

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