22 जनवरी को प्रसव कराना चाहती हैं महिलाएं, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन घर में किलकारी की चाह; क्या ऐसा है संभव
लखनऊ के बाद अब कानपुर में भी गर्भवती महिलाएं 22 जनवरी को प्रसव कराने की इच्छा जाहिर कर रही हैं। हालांकि विशेषज्ञ पहले से ही निर्धारित गर्भवती महिलाओं का ही प्रसव उस दिन कराने की तैयारी कर रही हैं। महिलाएं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन घर में किलकारी चाहती हैं। डॉक्टर ने बताया- असमय डिलीवरी कराने पर इसका दुष्प्रभाव जच्चा-बच्चा को झेलना पड़ सकता है।
जागरण संवाददाता, कानपुर। अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही गर्भवती महिलाएं प्रसव कराना चाहती हैं। पिछले कुछ दिनों में कई महिलाएं स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों से आग्रह कर चुकी हैं। हालांकि विशेषज्ञ पहले से ही निर्धारित गर्भवती महिलाओं का ही प्रसव उस दिन कराने की तैयारी कर रही हैं।
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की वरिष्ठ चिकित्सक और जीएसवीएम मेडिकल कालेज की मीडिया प्रभारी डा. सीमा द्विवेदी ने बताया कि 22 जनवरी को 15 से 17 सिजेरियन प्रसव निर्धारित हैं। यह इसलिए क्योंकि इन महिलाओं का प्रसव पूर्व में भी सिजेरियन ही हुआ था।
वहीं जिला महिला चिकित्सालय यानी डफरिन अस्पताल में अभी तक चार से पांच सिजेरियन प्रसव के लिए तिथि 22 जनवरी निर्धारित की गई है। दोनों अस्पतालों में चार से पांच गर्भवती महिलाएं 22 जनवरी को ही प्रसव का आग्रह कर चुकी हैं। महिलाओं का कहना है कि उनकी संतान के लिए यह विशेष दिन यादगार होगा।
डाक्टरों ने दी सलाह- खुद से न करें कोई फैसला
कानपुर की तरह ही लखनऊ में भी इसी तरह के मामले सामने आए हैं। लोहिया संस्थान में मातृ एवं शिशु अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की डा. मालविका मिश्रा ने सलाह दी है कि प्रसव का निर्णय खुद से कतई न करें और न ही अपने डाक्टर पर कोई दबाव बनाएं। असमय डिलीवरी कराने पर इसका दुष्प्रभाव जच्चा-बच्चा को झेलना पड़ सकता है।
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