Move to Jagran APP

कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के इतिहास के पन्नों दर्ज हुई एक और इबारत, 62 घंटे दिया प्रेसिडेंशियल ट्रेन को पड़ाव

राष्ट्रपति के आगमन के बाद 25 जून की रात 805 बजे कानुपर सेंट्रल स्टेशन पर दि रायल प्रेसिडेंशियल ट्रेन अा गई थी और 28 जून की सुबह 1025 बजे लखनऊ के लिए रवाना हुई। इस दौरान यह ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 10 पर खड़ी रही।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Tue, 29 Jun 2021 01:40 PM (IST)
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के इतिहास के पन्नों दर्ज हुई एक और इबारत, 62 घंटे दिया प्रेसिडेंशियल ट्रेन को पड़ाव
कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म पर खड़ी रही ट्रेन।

कानपुर, जेएनएन। कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के इतिहास के पन्नों में एक और इबारत दर्ज हो गई। स्टेशन अब दि रायल प्रेसिडेंसियल ट्रेन के 62 घंटे के पड़ाव का गवाह बन गया है। यह ऐतिहासिक पल सेंट्रल स्टेशन पर हमेशा याद किए जाएंगे। स्टेशन में 10 नंबर प्लेटफार्म पर खड़ी रही ट्रेन को लेकर रेलकर्मी भी गर्व का अनुभव कर रहे हैं।

राष्ट्रपति तीन दिवसीय कानपुर दौरे पर दिल्ली से दि रायल प्रेसिडेंशियल ट्रेन से 25 जून की शाम को आए थे। दिल्ली से चलकर ट्रेन कानपुर देहात के झींझक स्टेशन और रूरा स्टेशन पर भी रुकी थी, जहां रेलवे स्टेशन पर राष्ट्रपति ने लोगों को संबोधित किया था। इसके बाद शाम को प्रेसिंडेशियल ट्रेन कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पहुंची थी, ट्रेन से उतरने के बाद राष्ट्रपति सर्किट हाउस के लिए रवाना हो गए थे।

दि रायल प्रेसिडेंशियल देश की पहली ऐसी ट्रेन है, जिसमें फाइव स्टार जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। आधुनिक टेक्नोलाजी, सुरक्षा के उच्च स्तरीय मानकों से युक्त यह ट्रेन राजशाही सफर का सुखद अनुभव कराती है। राष्ट्रपति को लेकर ट्रेन 25 जून की रात 8:05 बजे कानपुर सेंट्रल आई और सोमवार 28 जून की सुबह 10:25 बजे उन्हें लेकर लखनऊ रवाना हो गई। इस दौरान ट्रेन यहां प्लेटफार्म नंबर 10 पर खड़ी रही। रविवार को न्यू कोचिंग कांप्लेक्स में ट्रेन का मेंटीनेंस भी किया गया।

एसीएम रेलवे एसके त्रिपाठी बताते हैं कि राष्ट्रपति की अगवानी करना अपने आप में गर्व की बात है। उनके आगमन की सूचना मिलने पर सभी कर्मचारी उत्साहित थे। कार्यक्रम को अंतिम रूप मिलने के बाद कर्मचारियों ने तैयारियों में दिन रात एक कर दिया। इतिहास के पन्नों में यह दौरा दर्ज होगा तो उसके कुशल प्रबंधन का भी जिक्र होगा। स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार तिवारी कहते हैं कि सेंट्रल स्टेशन के इतिहास को जब भी पढ़ा जाएगा, उसमें राष्ट्रपति के आगमन और उनकी दि रायल प्रेसिडेंशियल ट्रेन का जिक्र जरूर होगा।

52 सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में रही 15 कोच की ट्रेन

सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दस पर राष्ट्रपति की द प्रेसीडेंशियल ट्रेन सीओ के नेतृत्व में 52 सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में रही। चारों ओर बैरिकेडिंग कर सुरक्षा घेरा भी बनाया गया और प्लेटफार्म पर आवागमन पूरी तरह बंद रखा गया। एक शिफ्ट में दो इंस्पेक्टर, दो एसआइ के साथ आरपीएफ और जीआरपी के 52 सुरक्षाकर्मी मुस्तैद रहे और प्लेटफार्म के सभी छोटे रास्ते बंद रखे गए।