संस्कारशाला कार्यक्रम में पूर्णचन्द्र विद्या निकेतन की प्रधानाचार्य बोली- डिजिटल युग में दिखावा से बचें
कानपुर में पूर्णचन्द्र विद्या निकेतन की प्रधानाचार्य सोभना मुखर्जी ने बताया कि आज के डिजिटल युग में सभी चीज डिजिटल हो रही है। वहीं तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुए हम लोगों को बहुत सजग व अनुशासित रहना होगा।
By Nitesh MishraEdited By: Updated: Wed, 14 Sep 2022 09:42 PM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। आज का युग डिजिटल युग है। हमारी शिक्षा, खरीदारी, खेल, प्रतियोगितायें इत्यादि सभी डिजिटल हो गयी हैं। तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुए हम लोगों को बहुत सजग व अनुशासित रहना होगा। डिजिटल संस्कारों का अनुसरण करना चाहिए। यदि हम आज की स्थिति का आकलन करें तो आजकल के बच्चे, युवा यहां तक कि हमारे बड़े-बुजुर्ग सभी डिजिटल हो गये हैं।
इसी क्रम में सोशल मीडिया का प्रयोग तमाम लोग अनावश्यक दिखावा के लिए भी करते हैं। इसके पीछे की मानसिकता का मुख्य कारण अपने आप को सर्वश्रेष्ठ दिखाना, समाज में प्रसिद्धि के लिये व अपने आप को जागरूक दिखाने के लिए किया जाता है।
इसी तत्परता, जागरुकता व ज़ल्दबाजी में अनावश्यक दिखावा करने वाले व्यक्ति इसका भरपूर फायदा उठाते हुए आधी-अधूरी जानकारी व सूचनाओं को बड़ी सुगमता के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट करके लोगों को मानसिक रूप से विचलित कर देते हैं। इसलिए हम लोगों को बहुत सजग रहना चाहिए।
तकनीकी क्रांति के अंतर्गत आज प्रत्येक व्यक्ति के हाथो में स्मार्टफोन हैं। इंटरनेट मीडिया पर चलने वाले वीडियो व कंटेंट किशोर व युवाओं को लक्ष्य से भटकाते है। यहां पर अभिभावकों की जिम्मेदारी बढ जाती है कि वो किस प्रकार समय प्रबंधन व अनुशासन का इस्तेमाल करते हुए बच्चों द्वारा इंटरनेट मीडिया व मोबाइल के इस्तेमाल को सीमित करें।
बच्चो को उनकी क्षमता व रूचि के अनुसार प्रतियोगी परीक्षाएं, खेल इत्यादि के लिए प्रेरित करें। किशोर व युवा इंटरनेट मीडिया के द्वारा होने वाले नुकसान व साइबर क्राइम से बचाव के बारे में सजग रहें। जिससे वो किसी भी अनहोनी से बच सकें।- सोभना मुखर्जी, प्रधानाचार्य, पूर्णचन्द्र विद्या निकेतन, बर्रा।
किशोर, युवा सोशल मीडिया पर हर गतिविधि साझा न करें : वर्तमान में भूगोलीय ग्लोब का 85 प्रतिशत से भी अधिक भाग इंटरनेट पर उपलब्ध है। जहां एक तरफ इंटरनेट मीडिया का उपयोग ज्ञान संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए होता है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इसका उपयोग अनावश्यक दिखावा करने के लिए भी कर रहें हैं। किशाेर से लेकर बड़े तक अपने जीवन की हर छोटी घटना पर पोस्ट कर रहे हैं। लोगों से जुड़ने के लिए, स्वस्थ मनोरंजन व सीखने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करना जरूरी है।
युवा वर्तमान समय में इंटरनेट मीडिया पर हर बात साझा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता अंजान नजरें उनकी हर गतिविधि पर लगी हैं। जो उनकी जानकारियों का दुरुपयोग कर मुश्किल में डाल सकते हैं। विद्यार्थियों को विशेष तौर पर इन बातों का ध्यान रखकर सजग रहना चाहिए।- गौरव द्विवेदी, कम्प्यूटर शिक्षक, श्री सनातन धर्म एजुकेशन सेंटर।
आनलाइन प्लेटफार्म पर दिखावा करने से विद्यार्थियों की एकाग्रता में आ रही कमी : इंटरनेट मीडिया पर किशोर व युवा ज्यादा समय दे रहे हैं। इससे विद्यार्थियों की शिक्षा एवं मस्तिष्क की एकाग्रता का नकारात्मक रूप से प्रभावित होती है। विद्यार्थियों को इंटरनेट मीडिया पर ज्यादा समय देने व दिखावा करने से बचना होगा। आजकल इंटरनेट मीडिया पर धोखाधड़ी वाले विज्ञापनों की भरमार है जिसके जाल में फंसकर तमाम युवा व बड़े बुजुर्ग अपना समय, पैसा व अपनी ऊर्जा को बर्बाद कर रहे हैं।
फेसबुक पर जहां लोग नकली अकाउंट बना कर ठगी करते हैं, बच्चे इनका आसान निशाना बन जाते हैं। ऐसे लोग अपना छद्म परिचय, नकली तस्वीर लगाकर किशोरियों व युवतियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। इसके बाद उनसे मेल-मुलाकात करके उनका तरह-तरह से शोषण करते हैं। इससे बचाव के लिए तकनीकी रूप से दक्ष लोगों को अपने घर के अभिभावकों को इसके लिए जागरूक व इस प्रकार के विज्ञापनों के प्रति सचेत करना चाहिए।- डा. राज किशोर कटियार, शिक्षक, केन्द्रीय विद्यालय, आइआइटी।
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