Video: बारिश में 10 सेकेंड के अंदर भरभराकर ढह गया दो मंजिला जर्जर मकान, मलबे में दबी कार और मची भगदड़
कानपुर के बेकनगंज थाना क्षेत्र में बारिश के दौरान जर्जर मकान गिरने से भगदड़ मच गई। गली में खड़ी दो कारें मलबे में दब गईं और चालक बाल बाल बच गया। पिछले एक साल से मकान खाली था और मालकिन उसे खाली करके चली गई थी।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Mon, 10 Oct 2022 02:10 PM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। बेकनगंज थाना क्षेत्र में यतीमखाना के पास घनी आबादी के बीच सोमवार को बारिश के बीच दो मंजिला जर्जर मकान सिर्फ 10 सेकेंड में ढह गया। गली की ओर गिरे मलबे की चपेट में आने से कार क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार चालक बाल-बाल बच गया। इस दौरान गली में भगदड़ मच गई और एक कार और ई-रिक्शा मलबे की चपेट में आने से बच गए। राहगीर भी भागने लगे और चालकों ने वाहन पीछे कर लिए। जिससे कोई जनहानि नहीं हुई।
यतीमखाना चौराहे से लकड़मंडी के रास्ते पर दो मंजिला मकान में मालकिन रिजवाना रहती थीं और करीब एक साल पहले ही उसे खाली करके चली गई थीं। मौजूदा समय में मकान में कोई रह रहा था। रविवार शाम से हो रही लगातार वर्षा के बाद सोमवार की सुबह 10: 32 बजे अचानक जर्जर मकान के ग्राउंड फ्लोर की दीवारों के ईंटे निकलने लगे। देखते ही देखते दस सेकेंड के भीतर दो मंजिला मकान के अगला हिस्सा भरभराकर ढह गया।
अचानक मकान ढहने से सड़क पर भगदड़ मच गई। आनन-फानन में जो वाहन मकान के करीब थे उन्होंने गाड़ी आगे की ओर भगाई और जो वाहन गली में अंदर आ रहे थे उन वाहनों के चालकों ने गाड़ी पीछे की ओर निकाली। इस बीच गली में रहने वाले एक परिवार को लेने के लिए फा च्यूर्नर गाड़ी मलबे में दब गई। हालांकि चालक किसी तरह से गाड़ी छोड़कर भाग निकला।कानपुर के कराची खाना में बारिश में मकान गिरा। pic.twitter.com/JMLm85oonU
— abhishek kumar agnihotri (@abhishe19913644) October 10, 2022
स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस पहुंची और मलबे को हटवाने के लिए नगर-निगम के कर्मियों को सूचना दी गई। पुलिस गाड़ी नंबर के आधार पर कार मालिक की तलाश कर रही है।
वहीं फीलखाना थाना क्षेत्र के कराचीखाना में पांडु नगर निवासी मनमोहन सिंह का भी जर्जर मकान ढह गया। मनमोहन सिंह ने बताया कि वर्षा के दौरान देर रात हादसा हुआ है। जर्जर मकान का अधिकतर हिस्सा वर्ष 2019 में ढह गया था। उसके बाद से वह लगातार नगर निगम से पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन नगर-निगम ने जर्जर मकान को गिराने की जहमत नहीं उठाई। मनमोहन सिंह ने बताया कि यह मकान सौ वर्ष से अधिक पुराना है। उनके पिता ने टिंबर और प्लाईवुड के काम के लिए वर्ष 1995 में खरीदा था।
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