Kanpur Violence Big Update: मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी पर रासुका की कार्रवाई, मुख्तार बाबा समेत इन पर गैंगस्टर का मुकदमा
कानपुर उपद्रव के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की है। इसके साथ ही मुख्तार बाबा बिल्डर हाजी वसी अकील खिचड़ी और शफीक के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया है।
By Abhishek VermaEdited By: Updated: Thu, 28 Jul 2022 02:43 PM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा की टिप्पणी के विरोध में 3 जून नई सड़क पर हुए उपद्रव मामले में गुरुवार को पुलिस ने सख्त कार्रवाई की पुलिस ने उपद्रव के मास्टरमाइंड एमएमएस फैंस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की है। यही नहीं उपद्रव की फंडिंग के लिए जिम्मेदार बाबा बिरियानी के मालिक मुख्तार बाबा बिल्डर हाजी वसी, डी 2 गैंग के अकील खिचड़ी और शफीक के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की है। सभी पांचो आरोपित इस समय जेल में बंद है उन्हें जेल में ही संबंधित कार्रवाई की जानकारी देते हुए दस्तावेज तामील करा दिए गए हैं।
नई सड़क और दादा मियां का हाता में 3 जून को हुए उपद्रव में 7 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे जबकि 25 से अधिक मामूली रूप से चोटिल हुए थे इस प्रकरण में पुलिस की ओर से तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे। पुलिस ने अब तक इस मामले में 62 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है इस मामले की जांच विशेष जांच दल यानी एसआईटी कर रही है। एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में दावा किया है कि उक्त उपद्रव के पीछे गहरी साजिश थी बयान का विरोध तो महज एक दिखावा था।
असल में जिस दिन उपद्रव हुआ उस दिन तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर में ही थे सभी तत्कालीन राष्ट्रपति के गांव कानपुर देहात के प्रमुख में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। जानबूझकर 3 जून की तारीख तय की गई थी ताकि इतने गणमान्य राजनेताओं की मौजूदगी में उपद्रव होने की स्थिति में मामले को ज्यादा से ज्यादा मीडिया कवरेज मिलती और विश्व भर में भारत की बदनामी होती कुछ हद तक उपद्रवी अपने मकसद में कामयाब भी हुए और नुपुर शर्मा की टिप्पणी को लेकर विश्व स्तर पर विरोध शुरू हुआ।
एसआईटी की जांच में यह भी सामने आया कि उपद्रव के पीछे नई सड़क क्षेत्र में स्थित चंद्रेश्वर हाता भी एक बड़ा कारण है चंद्रेश्वर हाता इस क्षेत्र में अकेला ऐसा क्षेत्र है जहां हिंदुओं की बस्ती है इसके आसपास केवल मुस्लिम रहते हैं। कुछ मुस्लिम बिल्डरों की नजर इस बस्ती पर लगी हुई है उनका मकसद था कि दहशत के जरिए हिंदुओं में डर पैदा कर लोगों को अपने मकान बेचने के लिए विवश कर दिया जाए इसीलिए पूरा बवाल चंद्रेश्वर हाता के सामने ही हुआ। उपद्रव के पीछे एक तीसरा तक है यह निकल कर आया कि पिछले कुछ समय से इस शहर में शत्रु संपत्ति यों को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन सख्ती से जांच कर रहा था शत्रु संपत्ति खरीदने और बेचने के लिए शहर में एक गिरोह काम कर रहा था।
जिसका नेतृत्व बाबा बिरियानी के मालिक मुख्तार बाबा कर रहे थे। उपद्रव के जरिए यह गिरोह सत्र संपत्तियों को लेकर चल रही कार्रवाई में बाधा उत्पन्न करना चाहता था इस पूरे घटनाक्रम की बड़ी बाकी है थी की शत्रु संपत्ति यों की तरफ से मुख्तार बाबा बिल्डर की ओर से हाजी मोहम्मद वशी ने अपराधियों के पंजीकृत गिरोह डी 2 के बदमाशों से संपर्क साधा और उनकी मौजूदगी में इस बवाल को अंजाम दिया गया।
पुलिस ने इस प्रकरण में एम एम एस जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी को सबसे पहले गिरफ्तार किया था आरोप है कि नुपुर शर्मा की टिप्पणी को लेकर बाजार बंदी और प्रदर्शन की अपील हयात जफर हाशमी की ओर से की गई थी हालांकि प्रदर्शन से 2 दिन पहले हयात ने अपनी अपील वापस ले ली थी लेकिन पुलिस जांच में सामने आया है कि वह पर्दे के पीछे बाजार बंद ही वह उपद्रव की साजिश में शामिल था।
गुरुवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीना और जिलाधिकारी विशाख जी ने जानकारी दी कि 3 जून के उपद्रव मामले में पुलिस ने हयात जफर हाशमी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका के तहत कार्यवाही कर दी है इसके जरिए हयात जफर हाशमी को 1 साल तक जेल में निरुद्ध रखा जा सकेगा। पुलिस आयुक्त ने बताया कि इसी मामले में मुख्तार बाबा बिल्डर हाजी वशी अकील खिचड़ी और सफीक के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की गई है। अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में आने वाले दिनों में अन्य मुख्य अभियुक्तों के खिलाफ भी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही की जाएगी।
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