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वक्त की पटरी पर सबसे आगे वंदेभारत, पीछे छूट गईं शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस

15 जून को वंदेभारत एक्सप्रेस के संचालन के चार माह पूरे हो जाएंगे आठ जून तक 63 बार संचालन हुआ है।

By AbhishekEdited By: Updated: Wed, 12 Jun 2019 04:24 PM (IST)
वक्त की पटरी पर सबसे आगे वंदेभारत, पीछे छूट गईं शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस
कानपुर, [गौरव दीक्षित]। बेहतर योजना के साथ संचालन हो तो समय की पाबंदी के साथ ट्रेनें निश्चित ही दौड़ सकती हैं। यह बात वंदेभारत ट्रेन साबित कर रही है। 15 जून को वंदेभारत एक्सप्रेस के चार माह पूरे हो जाएंगे और वक्त को लेकर इसके नतीजे लाजवाब हैं। अभी तक तो यह ट्रेन शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस पर बीस साबित हुई है।

17 फरवरी से शुरू हुआ था सफर

वंदेभारत एक्सप्रेस 15 फरवरी को नई दिल्ली से वाराणसी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना की थी। इसका व्यावसायिक सफर 17 फरवरी को शुरू हुआ। आठ जून तक 63 बार संचालन हुआ और अभी तक एक भी दिन यह निरस्त नहीं हुई और दिल्ली से कानपुर के बीच वंदेभारत ट्रेन 94 फीसद बार समय पर पहुंची। चार बार एक घंटा और एक बार एक घंटे से अधिक देर से सेंट्रल स्टेशन पहुंची। यानी व्यस्ततम कानपुर-दिल्ली ट्रैक पर इसका समय प्रबंधन बेहतर रहा। हालांकि वाराणसी से कानपुर ट्रैक पर रिकार्ड खराब रहा और समय की पाबंदी महज 53 फीसद रही जबकि दिल्ली से 100 फीसद पाबंदी से चली।

पीछे रह गई शताब्दी एक्सप्रेस

कानपुर से होकर नई दिल्ली जाने वाली स्वर्ण शताब्दी ने तीन महीनों में 90 चक्कर लगाए। नई दिल्ली से आने में यह 85.56 फीसद कानपुर से दिल्ली जाने में महज 81.11 फीसद बार ही समय पालन में खरी उतरी। तीन महीनों में 78 चक्कर लगाने वाली रिवर्स शताब्दी 91.18 फीसद बार समय पर दिल्ली पहुंची, जबकि वापसी में यह आंकड़ा महज 84.62 फीसद रहा।

राजधानी एक्सप्रेस भी नहीं वक्त की पाबंद

दिल्ली से कानपुर के बीच 11 राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन चलती हैं लेकिन, वक्त की पाबंदी के मामले में सभी बदतर हैं। सबसे लचर रिकार्ड भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस का रहा, जो महज 41.67 फीसद बार ही समय पर पहुंची। रांची राजधानी एक्सप्रेस थोड़ी बेहतर रही, जिसका समय पालन दर 84.62 फीसद रहा।

सोमवार और गुरुवार को संचालन नहीं

वंदेभारत की अधिकतम गति 180 किमी प्रति घंटे है। फिलहाल गति 130 किमी प्रति घंटे नियत की गई है। इसमें 16 एसी और दो एक्जीक्यूटिव कोच हैं। इसमें कुल 1128 यात्री सवार हो सकते हैं। ट्रेन सुबह छह बजे नई दिल्ली से रवाना होकर दोपहर दो बजे वाराणसी और उसी दिन वाराणसी से दोपहर तीन बजे चलकर रात 11 बजे नई दिल्ली पहुंच जाती है। सोमवार और गुरुवार को संचालन बंद रहता है।

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