दोस्ती के रिश्ते को मजबूत करने के टिप्स दे रही हैं रिलेशनशिप एक्सपर्ट, जानिए कैसे मजबूत होगी डाेर
Relationship Tips हमसे अनेक रिश्ते जुड़े होते हैं। इन रिश्तों के बीच एक रिश्ता हम कायम करते हैं जो कहलाती है दोस्ती। दोस्ती का रिश्ता हर रिश्ते से मजबूत होता है। दोस्ती के रिश्ते के बारे में रिलेशनशिप एक्सपर्ट डा. शालिनी शर्मा से दिनेश दीक्षित की बातचीत -
By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Thu, 02 Dec 2021 08:29 PM (IST)
कानपुर, दिनेश दीक्षित। Relationship Tips डा. शालिनी शर्मा कहती हैं कि अगर आप स्वयं को मानसिक समस्याओं से दूर रखना चाहती हैं तो अपने खास दोस्तों के संपर्क में जरूर रहें। उनके साथ आप सुख-दुख की बातें आसानी से बांट सकती हैैं। दोस्तों से बात करके हमारा मन भी प्रसन्न हो जाता है। यह बात बिल्कुल सच है कि खून के रिश्तों से ज्यादा मजबूत होती है दोस्ती। हां, दोस्ती में विश्वास का धागा एक ओर जहां बहुत मजबूत होता है, वहीं यह बहुत नाजुक भी होता है। इसलिए कभी ऐसा न हो कि विश्वास का धागा टूट जाए।
डा. शालिनी कहती हैं कि सच्चा दोस्त आपकी गलतियों को कभी किसी के सामने नहीं आने देता। सबके सामने वह अपने दोस्त की गलतियों को छिपाता है, लेकिन अकेले में उसे इस बारे में बताता है कि तुमसे कहां गलती हुई है या कहां पर तुम गलत थे। ध्यान रहे सच्चे दोस्त बड़ी मुश्किल से मिलते हैं। दोस्ती में धोखा, झूठ, बेईमानी का कोई स्थान नहीं होता।डा. शालिनी कहती हैैं कि वर्तमान समय में हम दोस्तों को भी दो श्रेणियों में बांट सकते हैैं। एक में वे दोस्त शामिल होते हैैं जिनसे हमारी सिर्फ जान-पहचान होती है, लेकिन दूसरी श्रेणी में वे दोस्त आते हैैं जो दिल से हमारे साथ जुड़े होते हैैं। ये वे दोस्त होते हैं जो हमारी आवाज से ही पहचान जाते हैैं कि हम खुश हैैं या परेशान हैैं। यही नहीं ये हमारी परेशानी को दूर करने के लिए भी तुरंत तत्पर हो जाते हैैं। कहते भी हैं कि हर कोई जब आपके खिलाफ होता है तब भी हमारा सहारा बनते हैैं हमारे खास दोस्त। इसमें कोई शक नहीं है कि सच्चा दोस्त हमारी हर तकलीफ में साथ में खड़ा होता है। हालांकि हमारी जिंदगी में कुछ ऐसे दोस्त भी होते हैं जिन्हें हमारी याद तभी आती है जब उन्हें कोई काम होता है। ऐसे दोस्तों से हमेशा सावधान रहना चाहिए और उनसे किसी भी प्रकार की दिल की कोई बात साझा नहीं करनी चाहिए।
डा. शालिनी कहती हैैं कि ऐसे दोस्त लाइफ में गिने-चुने ही मिलते हैं जो हमारी हर तकलीफ और मुश्किल को आसान बनाकर हमें खुश रखने की कोशिश करते हैैं। यही वो दोस्त होते हैं जो हमारी जिंदगी के लिए बहुत जरूरी होते हैं।डा. शालिनी कहती हैैं कि मौजूदा दौर में इंटरनेट मीडिया पर भी हमारे दोस्त बनते रहते हैैं। इनमें से कुछ के साथ हमारा गहरा जुड़ाव हो जाता है, जबकि कुछ के साथ केवल औपचारिक रिश्ता रहता है। हालांकि इंटरनेट मीडिया पर दोस्ती की कोई सीमा नहीं है, कोई भी किसी का दोस्त हो सकता है। हालांकि इस मामले में एक बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि जहां तक संभव हो दोस्ती के रिश्ते में पैसों के लेन-देन से बचना चाहिए। अपने दोस्तों के साथ पैसों का लेन-देन तभी करें जब कहीं और कोई गुंजाइश न हो, लेकिन इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि जिस प्रकार पैसों का लेन-देन करते समय दो के अलावा तीसरा नहीं जान पाता है। ठीक इसी प्रकार से पैसों की वापसी भी होनी चाहिए। ऐसा न हो कि उधार लेते समय तो किसी को कुछ न पता चला, लेकिन जब उधार चुकाने की बारी आए तो रिश्तों में खटास आ जाए या इसमें अन्य लोगों को भी शामिल करना पड़े। कहा भी गया है कि अक्सर पैसों का लेन-देन रिश्तों में खटास पैदा कर देता है।
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