Road Safety With Jagran: जागरूकता से ही सुनिश्चित होती है 80 प्रतिशत सड़क सुरक्षा, पढ़े मंडलायुक्त का इंटरव्यू
Road Safety With Jagran कानपुर में दैनिक जागरण के अभियान सुरक्षित यातयात पर मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने कहा कि लोगों की जागरुकता से 70 से 80 प्रतिशत सड़क हादसे रुक सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को
By Jagran NewsEdited By: Ekantar GuptaUpdated: Tue, 29 Nov 2022 10:13 PM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। जागरूकता से ही 70 से 80 प्रतिशत सड़क सुरक्षा सुनिश्चित हो जाती है। इसे विषय के रूप में बच्चों को पढ़ाया जाना चाहिए। शोरूम से जब कोई वाहन लेने आए तो उसके लिए पहले जागरूकता सत्र का आयोजन किया जाना चाहिए। मंगलवार को दैनिक जागरण के सड़क सुरक्षा अभियान की सराहना करते हुए मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अभियान में जहां भी समस्याएं सामने आईं हैं उनको दुरुस्त कराया जाएगा। पेश है उनसे किए गए सवाल जवाब के कुछ अंश...
सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें लगातार हो रही हैं। निर्णय भी लिए जा रहे हैं लेकिन सड़क पर परिणाम नहीं दिखाई दे रहे। ऐसा क्यों?जिला स्तर पर सड़क सुरक्षा कमेटी बनी है। इसमें प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, नेशनल हाईवे, शिक्षा समेत कई विभाग शामिल हैं। सभी के समन्वय और सुझाव से यातायात को बेहतर बनाना है। पूर्व की बैठकों में जो निर्णय लिए गए उनके सकारात्मक परिणाम नजर आए। सड़क सुरक्षा एक बड़ा विषय है। इसके लिए जरूरी है कि विद्यार्थियों को इसे विषय के रूप में पढ़ाया जाए। ऐसा शुरू हुआ तो भविष्य में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।
ई-रिक्शा की संख्या लगातार बढ़ रही है। पंजीकरण के अतिरिक्त इनके लिए अब तक कोई गाइडलाइन नहीं बनाई जा सकी है। रूट भी निर्धारित नहीं हैं। इसका क्या कारण है?यह विषय ट्रांसपोर्ट विभाग से जुड़ा हुआ है। इसकी रिपोर्ट मांगी जाएगी।
टेंपो, टैक्सी, ई-रिक्शा और बस जहां चाहते हैं, वहां खड़े होकर सवारी भरते और उतारते हैं। स्टापेज पर ही यह रुके ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं हो पा रही?
यह सही बात है। इस तरह से सवारी भरना खतरनाक ही नहीं नियम विरुद्ध भी है। इसमें नगर निगम, यातायात विभाग और जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका है। वाहन बस स्टाप पर रुकें, इसके लिए दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। ई-बसों के लिए 30 माडर्न बस स्टाप बनवाए जा रहे हैं। यह सड़क से हटकर थोड़ा पीछे की ओर होगा। माडल के रूप में मोतीझील मेट्रो के पास एक बस स्टाप बन भी गया है। छह माह की परियोजना है लेकिन इसे चार माह में ही पूरा कर लिया जाएगा।
फर्रुखाबाद में इटावा-बरेली हाईवे से लेकर शहर के अंदर अधिकतर सड़कों पर डिवाइडर नहीं बने हैं। चौराहों पर सिग्नल व्यवस्था नहीं है और न ही संकेतक लगे हैं। इसे कैसे ठीक करेंगे?एक से दूसरे जिले को जोड़ने वाली सड़क फोरलेन हो, इस पर विचार हो रहा है। प्रस्ताव भेजा गया है। फोरलेन होने पर बीच में डिवाइडर बनेगा। टू लेन पर यह संभव नहीं है।कन्नौज से तिर्वा होकर बेला औरैया को जोड़ने वाले राज्य मार्ग पर 38 अवैध कट बने हैं। डिवाइडर पर कबाड़ व अन्य दुकानें लगी हैं। यहां भी चौराहों पर संकेतक नहीं हैं। इसे कैसे ठीक कराएंगे?
जिलाधिकारी और पीडब्ल्यूडी को अवैध कट बंद करने के निर्देश दिए जाएंगे। कई बार कुछ जरूरी कारणों से भी कट बनाए जाते हैं, इसे भी देखा जाएगा। दुकानदार, शोरूम संचालक व अन्य कोई अपने निजी फायदे के लिए कट बनाता है तो उसे नोटिस भेजने के निर्देश दिए जाएंगे और कार्रवाई की जाएगी।कन्नौज के छिबरामऊ से बिधूना औरैया को जोड़ने वाले राज्य मार्ग पर आधा दर्जन तीव्र मोड़ हैं जो आए दिन हादसों का सबब बनते हैं। यहां संकेतक भी नहीं हैं। इस स्थिति को कैसे ठीक कराएंगे?
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इस विषय को रखा जाएगा। जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा कर समस्याओं को दूर करने के निर्देश दिए जाएंगे। कानपुर देहात में झांसी हाईवे पर जैनपुर, कानपुर दिल्ली हाईवे पर बारा और अकबरपुर व मुंगीसापुर में अवैध कट की बड़ी समस्या है। आबादी क्षेत्र जैनपुर में अंडर पास व रनिया में ओवर ब्रिज नहीं है जो सुगम यातायात की बड़ी समस्या है।
ओवरब्रिज के लिए संयुक्त रिपोर्ट बनाकर एनएचएआइ की ओर से भेजा गया है। जिलाधिकारी और एसएसपी इसे लगातार देख रहे हैं। मैं जब वहां गया था तो उद्यमियों ने भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से ओवरब्रिज का मुद्दा उठाया था। ओवरब्रिज की लोकेशन को लेकर कुछ समस्याएं थीं जिसके समाधान के निर्देश दिए गए थे। जो भी समस्याएं आ रही हैं उन्हें जल्द दूर इसके लिए काम शुरू कराया जाएगा। कानपुर दिल्ली रोड पर औरैया के भाऊपुर से इंडियन आयल चौकी तक कोई फ्लाइओवर या अंडरपास नहीं है। इससे तीन किमी आनेपुर से नवीन गल्लामंडी तक विपरीत दिशा में वाहन गुजरते हैं। इससे हर चौथे दिन हादसे हो रहे हैं। इसे कैसे सही करेंगे?
नेशनल हाईवे और जिला प्रशासन की टीम संयुक्त रूप से एक माह में अध्ययन करेगी। फ्लाइओवर बनना फिजिबल है या नहीं, इसे भी देखा जाएगा। इसके साथ ही उसकी लागत क्या होगी यह भी महत्वपूर्ण विषय है। अध्ययन से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए सुरक्षित व सुगम यातायात की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
औरैया जालौन मार्ग बेहद संकरा है। इसी मार्ग से खनिज परिवहन के वाहन जैसे ट्रक व डंफर गुजरते हैं। इसके साथ ही बस, निजी वाहन भी बड़ी संख्या में चलते हैं जिससे हादसे होते हैं। इस मार्ग को फोरलेन करने की जरूरत पर क्या प्रयास हो रहे हैं?किसी भी सड़क को फोरलेन तभी किया जाता है जब वहां वाहनों का आवागमन सड़क की मौजूदा क्षमता के कई गुणा बढ़ जाता है। वाहनों के आवागमन की स्थिति पर परीक्षण कराया जाएगा। सड़क चौड़ी करने की जरूरत पर उसे फोरलेन करने का प्रस्ताव भेजा जाएगा
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