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Road Safety With Jagran: कानपुर के ट्रैफिक सिस्टम पर क्या है सांसद सत्यदेव पचौरी की राय, पढ़िए- खास इंटरव्यू

कानपुर में दैनिक जागरण के सुरक्षित यातायात अभियान के क्रम में सांसद सत्यदेव पचौरी ने जीटी रोड पर एलीवेटेड रूट बनवाने और डीसीपी ट्रैफिक द्वारा सिग्नलों की निगरानी किए जाने की बात कही है। उन्होंने शहर में अतिक्रमण और जाम को बड़ी समस्या माना है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Wed, 30 Nov 2022 11:38 PM (IST)
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कानपुर में सांसद सत्यदेव पचौरी का साक्षात्कार।
कानपुर, जागरण संवाददाता। दैनिक जागरण ने सुरक्षित यातायात अभियान के जरिये सड़क सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया है। इस पर अधिकारियों को गंभीरता से काम करना चाहिए। शहर के अंदर अतिक्रमण और जाम बड़ी समस्या है।

अधिकारियों के साथ इस संबंध में नियमित बैठकें भी हो रही हैं। नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस को भी इसे लेकर लगातार अभियान चलाना चाहिए। दैनिक जागरण संवाददाता से विशेष बातचीत में ये बातें कानपुर नगर के सांसद सत्यदेव पचौरी ने कहीं। प्रस्तुत है सुरक्षित यातायात को लेकर उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश...

  • शहर से कई हाईवे गुजरते हैं लेकिन पुलिस पेट्रोलिंग न होने से हादसे के बाद घायल को तुरंत अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था नहीं हो पाती।

    हाईवे पर गाड़ियां पेट्रोलिंग के लिए दी गई थीं। पेट्रोलिंग संबंधित थानों की जिम्मेदारी है। पता करूंगा कि लापरवाही किस स्तर पर हो रही है। अगर व्यवस्था में सुधार नहीं होता है तो मुख्यमंत्री से इस संबंध में बात करूंगा।

  • भौंती-रूमा एलीवेटेड हाईवे पर अब एनएचएआइ की एंबुलेंस नजर नहीं आतीं।

    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ इसकी समीक्षा की जाएगी। अगर उनके पास एंबुलेंस नहीं है तो शासन से मांग की जाएगी।

  • चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल अक्सर खराब रहते हैं।

    डीसीपी ट्रैफिक को इसकी निगरानी करनी चाहिए। चौराहों पर सिग्नल और कैमरे काम कर रहे हैं या नहीं, इसकी निगरानी के लिए वह अपनी टीम लगाएं।

  • अतिक्रमण और जाम की यह समस्या तो वर्षों से है। कोई इसे खत्म नहीं कर पा रहा।

    अधिकारी इन कामों को गंभीरता से नहीं लेते। वे सोचते हैं कि दो-तीन वर्ष रहेंगे, चले जाएंगे। अधिकारी की जवाबदेही तय होनी चाहिए। उनकी परफारमेंस के हिसाब से उन्हें अगली पोस्टिंग मिलनी चाहिए। अतिक्रमण पूरी तरह हटना चाहिए। सड़क व फुटपाथ पर एक भी दुकान नहीं होनी चाहिए।

  • टाटमिल चौराहे पर तो इतना जाम होता है कि सबसे पीछे खड़े वाहन को दो-तीन बार ग्रीन लाइट होने तक इंतजार करना पड़ता है।

    टाटमिल चौराहे का जाम चिंता का विषय है। चौराहों पर एलीवेटेड मार्ग बनाए जाएं तो यातायात सही होगा। यहां जीटी रोड पर एलीवेटेड रूट बनाया जाएगा। इसके लिए केंद्र से राशि मांगी जाएगी। इससे जीटी रोड के वाहन ऊपर से निकल जाएंगे और चौराहे पर वाहन कम हो जाएंगे। जीटी रोड पर अनवरगंज से मंधना तक रेलवे का एलीवेटेड ट्रैक बन रहा है। इससे जीटी रोड की सभी क्रासिंग खत्म हो जाएंगी और जाम का संकट दूर होगा। इसके साथ ही जीटी रोड को भी छह लेन किया जा रहा है।

  • सड़क से अतिक्रमण हटाने के लिए विभाग कुछ नहीं करते।

    नगर निगम की गाड़ियां पहले घूमती थीं और फुटपाथ पर कब्जा करने वालों का सामान उठा ले जाती थीं। नगर निगम ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर इन पर कार्रवाई करे।

  • किसी भी हाईवे पर मार्ग प्रकाश की व्यवस्था नहीं है, जिससे कई बार हादसे हो जाते हैं।

    कस्बों और उसके आसपास मार्ग प्रकाश की व्यवस्था है। बीच के जिन स्थानों पर मार्ग प्रकाश नहीं है, वहां लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से बात करूंगा। ग्राम पंचायतें भी इस कार्य को कर सकती हैं।

  • प्रयागराज और हमीरपुर हाईवे पर अवैध कट हादसों का कारण बन रहे हैं।

    अवैध कट बंद किए जाने चाहिए। अधिकारी ऐसी जगहों पर संकेतक जरूर लगवाएं।

  • वाहन चालक नियमों का उल्लंघन करते रहते हैं लेकिन लाइसेंस निरस्त नहीं होता।

    कहीं न कहीं हमारी लापरवाही की वजह से भी हादसे हो रहे हैं। वाहन चालक तेज गति से गाड़ी चलाते हैं और नियमों का पालन नहीं करते। आरटीओ को तब तक लाइसेंस नहीं जारी करना चाहिए, जब तक आवेदक पूर्ण प्रशिक्षण हासिल न कर ले। अच्छी बात यह है कि अब कैमरों की मदद से चालान हो रहे हैं। लोग सीट बेल्ट भी लगा रहे हैं। जिनका नियमित चालान हो रहा है, उनका लाइसेंस निरस्त किया जाए। ट्रैफिक विभाग इस बारे में अपनी जानकारी आरटीओ को नियमित दे।

  •  शहर में जाम की समस्या खत्म ही नहीं होती। सप्ताहांत के बाद सोमवार को सबसे ज्यादा परेशानी होती है।

    जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। बहुत सी सड़कों में चौड़ीकरण की गुंजाइश भी नहीं है। जाम के लिए अतिक्रमण बड़ी समस्या है। जहां मेट्रो का काम हो चुका है, वहां समस्या कम हुई है।

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