Kanpur News: अतिक्रमण में सिकुड़ीं सड़कें, जाम से जूझ रहे लोग; करीब 18 लाख हो गई वाहनों की संख्या
यूपी के कानपुर जिले के सड़कों की जो स्थिति चार साल पहले थी हालात उससे खराब ही हुए हैं। वर्ष 2020 में करीब 13 लाख वाहन शहर में थे और चार साल बाद इनकी संख्या बढ़कर 17.50 लाख से ज्यादा हो गई है। अतिक्रमण से सिकुड़ी सड़कों पर ई-रिक्शा आटो टेंपो और निजी बसों की अराजकता कोढ़ में खाज का काम कर रही है।
जागरण संवाददाता, कानपुर। एक बड़ा सवाल है कि जाम क्यों लगता है? रण तमाम हैं, मगर एक बड़ा कारण वाहनों की बढ़ रही संख्या भी है। शहर में सड़कों की स्थिति पहले से भी बदतर होती जा रही है। वहीं, वाहनों की संख्या भी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।
विशेषकर सवारी ढोने वाले वाहनों की संख्या में बड़ी तेजी आई है और खराब सड़कों की वजह से आए दिन जाम लगता है।
सड़कों पर बढ़ गए 4.50 लाख वाहन
वर्ष 2020 में करीब 13 लाख वाहन शहर में थे और चार साल बाद इनकी संख्या बढ़कर 17.50 लाख से ज्यादा हो गई है। दरअसल सड़कों की जो स्थिति चार साल पहले थी, हालात उससे खराब ही हुए हैं। सड़कों पर करीब 4.50 लाख वाहनों की संख्या बढ़ गई।अतिक्रमण से सिकुड़ी सड़कों पर ई-रिक्शा, आटो, टेंपो और निजी बसों की अराजकता कोढ़ में खाज का काम कर रही है। उदाहरण के तौर पर रेव मोती तिराहे को ही लें तो यहां पर करीब 250 ई-रिक्शा का संचालन होता था।
इनकी संख्या दोगुणा से बढ़कर करीब 518 हो गई है। इसके साथ ही आटो-टेंपो की तादाद बढ़ गई है। ऐसे में सड़क वही है, लेकिन वाहनों की संख्या बढ़ने से अराजकता चरम पर पहुंच गई है। इसे कोई देखने वाला नहीं है।
वाहन मोड़ने तक की जगह नहीं
रेव मोती के सामने सड़क पर पत्थर के डिवाइडर बनाकर आने-जाने की लेन अलग कर दी गई, लेकिन उसके बाद से आटो, टेंपो और ई-रिक्शा वालों की अराजकता शबाब पर है। स्थिति यह है कि यहां वाहन मोड़ने तक की जगह नहीं बचती है।
स्थानीय दुकानदारों ने सड़क पर ही शापिंग माल सजा रखा है। स्थानीय पुलिस भी इसे नहीं देखती है। खामियाजा यहां से आवागमन करने वालों को भुगतना पड़ रहा है। इसकी वजह से कई बार लोगों का विवाद होता है लेकिन पुलिस इस समस्या का समाधान नहीं कर रही है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।मेट्रो के काम से सड़कें हुईं संकरी
आइआइटी से लेकर नौबस्ता तक मेट्रो का संचालन होना है। आइआइटी से मोतीझील तक संचालन शुरू हो चुका है। शहर के अन्य हिस्सों में मेट्रो के कार्य के चलते सड़कें संकरी हो गई हैं जिसके कारण जाम की स्थिति बदस्तूर बनी रहती है। चुन्नीगंज चौराहे में मेट्रो के काम के चलते यहां डायवर्जन लिया गया है। काम के कारण सड़क संकरी हो गई है वहीं ग्वालटोली होकर जाने वाला यातायात अक्सर जाम में फंसा रहता है। बड़ा चौराहा की बात करें तो यहां भी मेट्रो के कार्य के चलते हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है।इसी तरह परेड, मालरोड, झकरकटी बस अड्डा, घंटाघर, बारादेवी चौराहा, नौबस्ता और दादानगर में मेट्रो कार्य के चलते लोगों को हर दिन परेशानी उठानी पड़ रही है।डायवर्जन में बिगड़ जाती है स्थिति
किसी कार्यक्रम में चलते यदि डायवर्जन लिया जाता है तो स्थिति और विकराल हो जाती है। शुक्रवार को मालरोड स्थित नागेश्वर मंदिर में कार्यक्रम के चलते यातायात विभाग ने डायवर्जन किया जिसके बाद मालरोड से लेकर वीआइपी रोड तक दिनभर रह रहकर जाम लगता रहा।कानपुर में वाहनों की संख्या
कुल निजी वाहन | 16,24,115 |
बाइक-स्कूटर | 12,86,789 |
मोपेड | 39,341 |
कार | 2,75,108 |
ट्रैक्टर | 22179 |
कुल सामान ढोने वाले वाहन | 53426 |
कृषि वाहन | 2607 |
थ्री व्हीलर | 5973 |
ट्रैक्टर | 2324 |
ट्रेलर | 1260 |
ई रिक्शा | 1990 |
कुल यात्री वाहन | 62874 |
एंबुलेंस | 538 |
बस | 4514 |
स्कूली बस | 177 |
ई रिक्शा | 41374 |
मोटर कैब | 4384 |
कानपुर में कुल वाहन | 17,50,415 |
यह भी पढ़ें- अगर सड़कों पर वाहन चलाते पकड़े गए नाबालिग, तो यातायात पुलिस करेगी सीधे कार्रवाई; अभिभावकों पर लगेगा जुर्मानाहर साल बढ़ रहे वाहनों की संख्या देखी जाए तो यह बड़ी समस्या है। पुलिस इस प्रकरण में विचार विमर्श करके आगे की कार्रवाई करेगी और संबंधित विभागों से भी बातचीत की जाएगी।
-हरीश चंदर, अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था