रोहिंग्या अलामीन कानपुर में दिलाता था बंगलादेशी घुसपैठियों को ठिकाना, सामने आया चौंकाने वाला सच
डॉलर बेचने का झांसा देकर ठगी करने वाले रोहिंग्या टप्पेबाजों के गिरोह के सरगना को गिरफ्तार करके पुलिस के सामने कई बातें सामने आई हैं।
By AbhishekEdited By: Updated: Mon, 02 Mar 2020 04:30 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। डॉलर बेचने का झांसा देकर लाखों रुपये हड़पने वाले रोहिंग्या टप्पेबाजों के सरगना अलामीन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के सामने कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। अलामीन बंगलादेश से आने वाले घुसपैठियों को कानपुर में ठिकाना दिलाता था। पुलिस की जांच में ठगी की सारी रकम मुंबई में बैठे मास्टरमाइंड के खाते में जाने की जानकारी के बाद अब सीएए को लेकर हिंसा में फंडिंग को लेकर भी तार जुडऩे लगे हैं।
इस तरह सामने आया शातिर गिरोहपुलिस ने सीसामऊ के व्यापारी से कम कीमत पर डॉलर बेचने के नाम पर हुई तीन लाख की टप्पेबाजी के मामले में बारासिराही के वकील नगर से पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना का निवासी तरीकुल मुल्ला, बांग्लादेश के खुलना जिला निवासी राजू खां व राजस्थान के धौलपुर की रहने वाली आलिया बेगम को गिरफ्तार किया था। जांच में डॉलर के बदले नोट हड़पने के खेल के साथ ही आरोपितों के रोहिंग्या मुस्लिम होने का राजफाश होने के साथ बांग्लादेशी सिमकार्ड, फर्जी आधार कार्ड बरामद हुआ था। पूछताछ के बाद पुलिस ने बारासिरोही के एक मकान से गिरोह सरगना अलामिन शेख व मासूम शेख को गिरफ्तार किया है। अलामीन ही गिरोह को डॉलर के नोट उपलब्ध कराता था। पुलिस अब ठगी की रकम जाने वाले खातों की पड़ताल कर रही है।
घुसपैठियों के रहने की व्यवस्था करता था अलामिनसरगना अलामिन ने बताया कि वह बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुस्लिमों को पश्चिम बंगाल के रास्ते कानपुर लाता था और उन्हें अलग-अलग इलाकों की बस्तियों में किराए पर कमरा दिलाकर या झोपडिय़ों में रुकवाता था। उन्हीं की मदद से गैंग बनाकर टप्पेबाजी का जाल फैलाकर रकम बटोर रहा था। अलामिन ने ही गैंग के प्रत्येक सदस्य को ठगी के लिए डॉलर, पहचान पत्र, मोबाइल और नगदी की व्यवस्था कराई थी। उसने अपना व कई सदस्यों के बारासिरोही के पते पर फर्जी आधार कार्ड भी बनवाया था। थाना प्रभारी अजय सेठ ने बताया कि गिरोह के तीन अन्य सदस्यों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
मुंबई में बैठे मास्टरमाइंड के खाते में जा रही रकमपूछताछ के दौरान गैंग के सरगना अलामिन शेख व मासूम ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए और पता लगा कि ठगों के इस गैंग के तार मुंबई से जुड़े हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि गैंग को मुंबई में बैठा मास्टरमाइंड ऑपरेट कर रहा था। लोगों को शिकार बनाने के बाद ठगी की रकम को मुंबई के ही एक खाते में ट्रांसफर किया जाता था। उस खाते की डिटेल निकलवाकर मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के लिए एक टीम मुंबई भी भेजी जाएगी।
सीएए उपद्रव में रोहिंग्या की भूमिका तलाश रही पुलिसरोहिंग्या होने की आशंका के बाद पुलिस सीएए के विरोध में हुए उपद्रव में भी आरोपितों की भूमिका की जांच कर रही है। बवाल के दौरान कैमरों की फुटेज से आरोपितों के चेहरे का मिलान कराया जाएगा। गिरोह के शातिरों की कॉल डिटेल में कई और नंबर भी मिले हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कुछ नंबर चमनगंज व बेकनगंज क्षेत्र के भी सामने आए हैं। पुलिस आशंका जता रही है कि दिसंबर में हुए उपद्रव में ये लोग भी शामिल हो सकते हैं। खुफिया सूत्रों ने बताया कि जिन खातों में आरोपितों ने रकम भेजी थी, उन खातेदारों से भी पूछताछ की जाएगी। हालांकि अब तक बांग्लादेश से उनके पते का सत्यापन नहीं हो सका है।
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