चित्रकूट में हनुमान धारा रोप-वे की ट्रालियां रुकने से बढ़ीं यात्रियों की धड़कनें, कभी भी हो सकता था हादसा
आधे रास्ते में तकनीकी खामी से 25 मिनट तक रहे फंसे अफरातफरी। बजरंगदल कार्यकर्ताओं ने रोप-वे के पास पहुंचकर किया हंगामा। इस दौरान ट्रालियों पर सवार श्रद्धालुओं और हनुमानधारा के आसपास मौजूद तमाम लोगों की सांसें ऊपर नीचे होती रहीं।
By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Fri, 26 Feb 2021 07:15 AM (IST)
चित्रकूट, जेएनएन। चित्रकूट में हनुमानधारा स्थित दामोदर रोप-वे एंड इंफ्रा लिमिटेड कोलकाता के रोप-वे की शुरुआत 25 दिसंबर 2020 को हुई थी। प्रतिदिन यहां देश-विदेश से आने वाले सैकड़ों श्रद्धालु रोप-वे का सफर करते हैं। हनुमानधारा की पहाडिय़ों पर पहुंचकर चित्रकूट के प्राकृतिक रोमांच से रूबरू होते हैं।
गुरुवार को भी रोप-वे पर सुबह से ही यात्रियों की संख्या अधिक थी। शाम करीब चार बजे गैर प्रांतों से आए 24 यात्रियों को लेकर रोप-वे की ट्रालियां हनुमानधारा पहाड़ी की ओर बढ़ीं। आधे रास्ते पहुंचने के बाद अचानक ट्रालियां रुक गईं। इससे यात्री सकते में आ गए। रोप-वे के कर्मचारियों के भी होश उड़ गए। आनन-फानन इंजीनियर को बुलाया गया। करीब 25 मिनट बाद खामी दूर हो सकी, उसके बाद जब ट्रालियां आगे बढ़ी तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली। हालांकि, इस दौरान ट्रालियों पर सवार श्रद्धालुओं और हनुमानधारा के आसपास मौजूद तमाम लोगों की सांसें ऊपर नीचे होती रहीं। कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी हृदय गुप्ता ने बताया कि रोप-वे में स्विट्जरलैंड की तकनीक इस्तेमाल की गई है। तेज हवा के कारण करीब 15 मिनट तक ट्रालियां रोकी गईं थीं। हवा सामान्य होने रोप-वे फिर से शुरू कर दिया गया था। संभव है कि कोई मामूली फाल्ट भी रहा हो, लेकिन इंजीनियरों ने जांच की तो कुछ ऐसा नहीं मिला।
तकनीकी फिट न होने के बाद भी कर दिया शुरू : विहिप
विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष दुर्गेश तिवारी के नेतृत्व में बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने रोप-वे के पास पहुंचकर प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कहा कि घटना होने के बाद भी यहां पर कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति उपस्थित नहीं हुआ। बिना तकनीकी कमी पूरी किए ही रोप-वे का संचालन शुरू करने से ऐसी स्थिति बनी। 20 से 25 मिनट तक यात्रियों से भरी ट्राली हवा में झूलती रही, जिससे एक बड़ा हादसा हो सकता था।
प्रतिदिन सात से आठ सौ यात्री करते सफर
चित्रकूट में हनुमानधारा रोप-वे पर प्रतिदिन करीब सात से आठ सौ यात्री सफर करते हैं। एक बार में ट्रालियों में 36 यात्री सफर कर सकते हैं। यह भी गनीमत रही कि हादसे के वक्त 24 यात्री ही थे। वर्ना वजन ज्यादा होने से और हालात बिगड़ सकते थे। उधर, कामदगिरि के पास लक्ष्मण पहाड़ी पर भी रोप-वे का संचालन हो रहा है।इनका ये है कहना
रोप-वे के पास हंगामा की खबर मिलने पर मौके पर गए थे। वहां पर बताया गया कि तकनीकी खामी नहीं है। हवा तेज होने के कारण रोप-वे की ट्रालियों को रोका गया है। लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। -आरबी त्रिपाठी, थाना प्रभारी, नयागांव, सतना मध्यप्रदेश।
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