सामाजिक जागरूकता से कोरोना की संभावित तीसरी लहर रोकेगा RSS, चित्रकूट चिंतन शिविर में बनी योजना
RSS Meeting Chitrakoot प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में सोमवार को समाप्त हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की चार दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में लिए गए निर्णयों पर अमल के लिए गुरुवार को मध्य क्षेत्र के पदाधिकारियों ने कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया।
चित्रकूट, जेएनएन। RSS Meeting Chitrakoot जिले की सीमा से सटे मध्य प्रदेश के सतना जिला अंतर्गत दीनदयाल शोध संस्थान (डीआरआइ) के प्रकल्प आरोग्यधाम में चल रही मध्य क्षेत्र की बैठक के अंतिम दिन कोरोना की संभावित तीसरी लहर को थामने के लिए संघ ने कार्ययोजना बना ली है। इसके तहत सामाजिक जागरुकता का अभियान चलाकर संपन्न लोगों को जोड़ा जाएगा। प्रत्येक गांव में प्रशिक्षित स्वयंसेवक में कम से कम एक महिला और एक पुरुष की सहभागिता जरूर रहेगी।
प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में सोमवार को समाप्त हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की चार दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में लिए गए निर्णयों पर अमल के लिए गुरुवार को मध्य क्षेत्र के पदाधिकारियों ने कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने को सितंबर से गांवों में सामाजिक जागरूकता अभियान चलाने पर सहमति बनी।
मध्य क्षेत्र (छत्तीसगढ़, महाकौशल, मध्य भारत और मालवा प्रांत) के संघ पदाधिकारियों ने सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य व क्षेत्र प्रचारक दीपक के मार्गदर्शन में तय किया कि कोरोना की लड़ाई में क्षेत्र के संपन्न लोगों को भी जोड़ा जाएगा, जो अपने स्तर से लोगों की मदद कर सकें। इसके अलावा प्रत्येक गांव में दो से तीन लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें एक महिला व एक पुरुष अनिवार्य रूप से शामिल किए जाएंगे। इनको सरकार के सिस्टम से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसमें स्वास्थ्य विभाग की अहम भूमिका होगी।
संघ का मानना है कि यदि महामारी की तीसरी लहर आती है तो जमीनी स्तर तक सरकार के प्रबंधन को और मजबूत बनाने में प्रशिक्षित कार्यकर्ता मददगार होंगे। यह दूसरी लहर में भी देखने को मिल चुका है। ग्रामीण इलाकों में कोरोना से काफी नुकसान हुआ है। आगे ऐसे हालात बनते हैं तो गांव के प्रशिक्षित स्वयंसेवक मदद करेंगे। लोगों को सहभागी बनाने के लिए जिला स्तर पर संघ के पदाधिकारी बैठक कर रहे हैं।
अगस्त तक पूरा होगा प्रशिक्षण: तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए संघ ने निर्णय लिया है कि युवा स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण अगस्त में पूरा कर लिया जाएगा। सितंबर में टोलियां गांव स्तर में पहुंचने लगेंगी। इस सामाजिक जागरुकता अभियान में स्वयंसेवी संस्थाओं को भी शामिल किया जाएगा।