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Property Dealer Case: घरवालों से मिले अखिलेश, बोले- पुलिस हत्यारी है.., सरकार दबाना चाहती है घटना

गोरखपुर से प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता का शव कानपुर आने पर स्वजन ने सपाई द्वारा कुछ कहने पर अंतिम संस्कार के लिए ले जाने से रोक दिया था। लेकिन सुबह सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के अाने से पहले ही पुलिस प्रशासन ने अंतिम संस्कार करा दिया।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Thu, 30 Sep 2021 01:09 PM (IST)
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कानपुर के बर्रा में आवास पर सपाइयों का डेरा।
कानपुर, जेएनएन। गोरखपुर से प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता का शव आने के बाद गुरुवार भोर पहर ही पुलिस प्रशासन ने अंतिम संस्कार करा दिया और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पूर्वाह्न करीब 11 बजे शहर पहुंच सके। जाजमऊ पुल पर सपाइयों ने उनका स्वागत करने का प्रयास किया लेकिन वह बिना कहीं रुके हुए सीधे बर्रा मनीष के घर पहुंच गए और पीड़ित स्वजन से वार्ता शुरू कर दी है। वह स्वजन से गोरखपुर में हुए पूरे घटनाक्रम की बिंदुवार जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस हत्यारी है, जब तक भाजपा का शासन रहेगा इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी। सरकार पूरे मामले को दबाना चाहती है, मामले में डीएम और एसएसपी को तत्काल निलंबित किया जाना चाहिये। उन्होंने समाजवादी पार्ट द्वारा पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दिए जाने का एेलान किया। घर के बाहर सपाइयों का जमावड़ा लगा हुआ है और बवाल की आशंका के चलते भारी पुलिस फोर्स भी तैनात किया गया है।

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वार्ता में कहा कि सरकार पीड़ित परिवार को दो करोड़ का मुआवजा दे और पत्नी को शैक्षिक योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी दे। परिवारी जनों की मांग पर प्रकरण की सीबीआई जांच भी कराई जाए। समाजवादी पार्टी पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और पार्टी की ओर से पीड़ित परिवार को 20 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस ने होटल से सुबूत जैसे खून के धब्बे सीसीटीवी फुटेज समेत अन्य सभी सुबूत मिटा दिए हैं। वही गोरखपुर के एसएसपी और डीएम पीड़ित परिवार पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए दबाव बनाने का एक वीडियो भी वायरल हुआ है। ऐसे अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन अब तक सिर्फ जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। वही मनीष की पत्नी मीनाक्षी और कोमल ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।

गोरखपुर से प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता का शव बुधवार को कानपुर बर्रा स्थित निवास पर आ गया था। स्वजन शव का अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर रहे थे, इस बीच कुछ सपा नेताओं ने स्वजन से मिलकर सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के अाने की जानकारी दी थी। सपा नेताओं ने उनके आने तक शव को रोके रखने की बात कही थी। इसपर स्वजन शाम तक शव को अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले गए तो पुलिस व प्रशासनिक अफसर पहुंच गए थे। स्वजन को समझाने का प्रयास किया था लेकिन गुरुवार सुबह ही अंतिम संस्कार करने की बात कही थी। इसके बाद भोर पहर सूरज की पहली किरण फूटते ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने स्वजन को समझाकर शव भैरवघाट भिजवाकर अंतिम संस्कार करा दिया।

पूर्व सूचना के तहत सपा नेता पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आने का इंतजार कर रहे थे। पूर्वाहन करीब 11 बजे उनका काफिला जाजमऊ पुल पर पहुंचा तो कार्यकर्ताओं ने रोकने का प्रयास किया। अखिलेश रास्ते में कहीं रुके बिना सीधे पीड़ित परिवार से मिलने बर्रा स्थित आवास पहुंच गए। वह बाहर भी किसी नेता से मिले बगैर सीधे घर के अंदर चले गए और पीड़ित स्वजन से वार्ता शुरू कर दी। वह गोरखपुर में हुई घटना की बिंदुवार जानकारी स्वजन से ले रहे हैं। बाहर सपा नेताओं और समर्थकों की भीड़ जमा है।

सपा नेता सम्राट यादव का आरोप है कि सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के आने की जानकारी होते ही पुलिस ने प्रशासन ने सुबह सूरज निकलने से पहले शव का अंतिम संस्कार जबरन करा दिया है। इसका विरोध करने पर पुलिस से झड़प भी हुई। घर के बाहर सपाई धरने पर बैठ गए थे। इसपर बहन डाली ने धरना खत्म करने की अपील की तो सपा नेता मान गए। सपा विधायक इरफान सोलंकी, अमिताभ बाजपेई, पूर्व मंत्री सुरेंद्र मोहन अग्रवाल, नगर अध्यक्ष डॉ इमरान सहित अन्य सपा नेता मौजूद रहे।

सपा प्रवक्ता ने साधा निशाना

सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने ट्वीट कर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे फिर कौन बचायेगा, यूपी मे अपराधियों का राज चल रहा है। अगर गुंडों से बचोगे तो चेकिंग के नाम पर पुलिस पीटकर मार देती है, गोरखपुर की घटना ताज़ा उदाहरण है। इसके पहले विवेक तिवारी के साथ भी यही हुआ था।

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