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Water Conservation: कानपुर में हर बूंद सहेजकर गांवों को पानीदार करने में जुटीं मधु, वर्षा जल संचयन मॉडल से लोगों को करा रहीं रूबरू

मधु ने बताया कि 4 मार्च 2014 से वाटरएड परियोजना के तहत श्रमिक भारती संस्था के साथ जुड़कर जल सुरक्षा जल संवर्धन और वर्षा जल संचयन पर कार्य कर रही हैं। वे सभी जलस्रोतों की देखरेख और निरंतर जल परीक्षण करती है।

By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Wed, 21 Apr 2021 01:27 PM (IST)
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कानपुर महानगर के नौबस्ता मोहल्ला निवासी मधु।
कानपुर, जेएनएन। Save Water Preserve Nature पानी का जीवन में कितना महत्व है, ये जानते तो सब हैं, लेकिन अमल कुछ लोग ही करते हैं। ऐसे ही लोगों को जागरूक करने का काम नौबस्ता की मधु देवी कर रही हैं। वह गांवों में चौपाल लगाकर पानी को बचाने व सहेजने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने कई जगह रीचार्ज सेंटर बनवाकर बारिश की बूंदों को बर्बाद होने से बचाया है। वह सात साल से पानी को सहेजने में लगी हुई हैं। यही वजह है कि उनको लोग प्यार से जल दीदी बुलाते हैं।

मधु ने बताया कि 4 मार्च 2014 से वाटरएड परियोजना के तहत श्रमिक भारती संस्था के साथ जुड़कर जल सुरक्षा, जल संवर्धन और वर्षा जल संचयन पर कार्य कर रही हैं। वह बताती हैं कि उन्होंने वाटरएड व श्रमिक भारती संस्था के साथ मिलकर चौबेपुर ब्लाक की नौ पंचायतों राजारामपुर, उदैतपुर बिठूर, सुनौढ़ा, तरीपाठकपुर, बाह्लीपुर, वाजिदपुर, क्योना, दुर्गापुर एवं बेहटा में सघन रूप से काम किया, जहां जल चौपाल लगाकर बारिश की बूंदों को सहेजने के लिए जागरूक किया। प्राथमिक विद्यालय, मिलन केंद्र और चौबेपुर ब्लाक ऑफिस में पांच वर्षा जल संचयन मॉडल बनवाए और सरकारी कर्मचारियों को भी इसके फायदे बताकर उन्हें अन्य परिसर में लगाने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा उदैतपुर बिठूर ग्राम पंचायत में टीम तैयार की, जो सभी जलस्रोतों की देखरेख और निरंतर जल परीक्षण करती है।

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