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फोटो में खोजा आइआइटी का लोगो, 58 साल बाद प्रमाणित

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के लोगो को 5

By JagranEdited By: Updated: Sun, 29 Apr 2018 09:43 AM (IST)
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फोटो में खोजा आइआइटी का लोगो, 58 साल बाद प्रमाणित

जागरण संवाददाता, कानपुर : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के लोगो को 58 साल बाद प्रामाणिकता मिली है। इसे ट्रेडमार्क करा लिया गया है जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित कराने की प्रक्रिया अभी चल रही है। दिलचस्प यह कि लोगो की तलाश में जुटे संस्थान के हाथ सफलता तब हाथ लगी जब 58 साल पहले खींची एक फोटो में वालीबॉल टीम के खिलाड़ियों की जर्सी पर नजर पड़ी। आइआइटी अब लोगो का तकनीकी, वैज्ञानिक, खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों समेत सात क्षेत्र में इस्तेमाल कर सकता है। इस कार्य में एक लाख 25 हजार रुपये का खर्च आया है।

बौद्धिक संपदा अधिकार के अंतर्गत संस्थान के शोध, प्रोजेक्ट और विभिन्न क्रियाकलापों का पेटेंट कराया जा रहा है। सब कुछ तो ठीक रहा, लेकिन बात लोगो (चिन्ह) पर आई तो किसी के पास उसके लागू करने के वास्तविक वर्ष की जानकारी नहीं मिली। संस्थान में मेल चलाकर सूचना मांगी गई, लेकिन उससे भी कोई फायदा नहीं हुआ। आखिर में आइआइटी की सेंट्रल लाइब्रेरी के नेशनल आर्काइव सेंटर से पुराने दस्तावेज खंगाले गए। उसमें पहले निदेशक प्रो. पीके केलकर की वॉलीबाल टीम के साथ खिंचाई फोटो मिली। उसमें तत्कालीन निदेशक के साथ बैठे खिलाड़ियों की जर्सी में लोगो बना हुआ था। यह फोटो 16 अप्रैल 1960 को खींची गई थी। अधिकारियों ने लोगो जारी करने का वर्ष एक जनवरी 1960 मानकर उसे ट्रेडमार्क कराया। पहला बैच वर्ष 1960 में आया था।

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क्या दर्शाता है लोगो

आइपीआर सेल के पेटेंट अधिकारी रवि पांडेय के मुताबिक लोगो में लगे 24 दांत संस्थान में 24 घंटे कार्य करने की क्षमता को दर्शाता है। त्रिशूल में बनी आंख, उसे लक्ष्य पर नजर रखने के लिए प्रेरित करती है।

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