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Photos में देखिए कानपुर हादसे का दर्दनाक मंजर, एक साथ उठीं पांच अर्थियां; हर किसी की आंखें हुईं नम

कानपुर के पनकी में हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। सोमवार को हुए इस हादसे में पीएसआइटी के चार छात्र-छात्राओं और चालक समेत पांच लोगों की मौत हो गई। मंगलवार सुबह सभी के शव पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचे तो स्वजन का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। इस हादसे ने पूरे शहर को गमगीन कर दिया है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 15 Oct 2024 12:15 PM (IST)
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चालक विजय साहू का शव लेकर निकलते स्वजन। (फोटो- जागरण)

जागरण संवाददाता, कानपुर। मेरी बेटी सो रही है उसे मत जगाओ, मेरे लाल को मुझसे दूर मत ले जाओ। कलेजे के टुकड़े और आंखों के तारों की जब अर्थियां उठी तो पूरा चंद्र नगर मुहल्ला रो पड़ा। पनकी हादसे में सोमवार को कार सवार पीएसआइटी के चार छात्र-छात्राओं और चालक समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी।

देर शाम सभी के शव पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचे तो स्वजन ने पूरी रात रो-रोकर काटी कि कब सुबह हो और उनका अंतिम संस्कार हो। मंगलवार सुबह सबसे पहले सतीश, प्रतीक और गरिमा के शव निकले। इसके बाद चालक विजय और छात्रा आयुषी के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। सभी का महाराजपुर के ड्योढ़ी घाट पर अंतिम संस्कार किया जायेगा।

कानपुर-इटावा हाईवे पर हुआ था हादसा

दशहरे पर तीन दिन की छुट्टी के बाद सोमवार को कॉलेज जा रहे कार सवार चार छात्र-छात्राओं को सचेंडी-भौंती हाईवे पर सरिया लड़े डंपर ने टक्कर मार दी थी जिससे चार छात्र-छात्राओं और चालक समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी। सभी भौंती स्थित पीएसआइटी कालेज के छात्र थे और चकेरी के सनिगवां केडीए कालोनी के रहने वाले थे।

हादसे में जान गंवाने वालों में छात्र प्रतीक सिंह, सतीश कुमार, गरिमा त्रिपाठी और आयुषी पटेल व चालक विजय साहू थे। सोमवार देर शाम पोस्टमार्टम के बाद एक-एक करके सभी के शव उनके घरों को पहुंचे तो स्वजन का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। अपने इकलौते बेटे और बेटी तो किसी ने अपने पति के खोने के गम में पूरी रात रो-रोकर काटी।

इकलौते बेटे प्रतीक की मौत से दोनों बहनें पारुल और काजल रो-रोकर बदहवास हो गई। वहीं चालक विजय साहू की पत्नी सुमन रो रो कर बोली कि करवा चौथ के एक सप्ताह पहले उसका सुहाग उजड़ गया अब वह कैसे व्रत रखेगी।

स्वजन को उनके रिश्तेदार और मुहल्ले के लोग किसी तरह ढांढ़स बंधा रहे थे। स्वजन रो-रोकर कह रहे थे कि सभी बच्चों ने धूमधाम से दीपावली का त्यौहार मनाने की प्लानिंग की थी और एक हादसे में सब कुछ तबाह कर दिया। इस हादसे ने उन्हें ऐसा गम दिया है जिसे वह जीवन में कभी भुला नहीं पाएंगे।

मंगलवार सुबह पहले सतीश, प्रतीक सिंह और गरिमा के शव और इसके बाद चालक विजय साहू और आयुषी पटेल का शव चकेरी पुलिस की सुरक्षा में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। जिन्हें अंतिम विदाई देने के लिए मुहल्ले के लोग भी पहुंचे। सभी लोगों का महाराजपुर के ड्योढ़ी घाट पर अंतिम संस्कार किया जायेगा।

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