Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

UP News: यूपी के इस शहर में जनता से अभद्र व्यवहार करना पड़ा भारी, सात पुलिसकर्मियों को किया गया निलंबित

कमिश्नरेट का चार्ज संभालते ही पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने पुलिस को कठघरे में खड़ा करते हुए पुलिस की कार्यशैली सुधारने को लेकर इंटरनेट मीडिया (एक्स) पर जनता से राय मांगी थी। इस दौरान कई ने खिंचाई की तो कई लोग कार्य से संतुष्ट भी नजर आए।एक्स पर साझा हुए विचारों में कई लोगों ने इससे भी खराब उत्तर को विकल्प के रूप शामिल करने की इच्छा जाहिर की।

By atul mishra Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 06 Jul 2024 12:02 PM (IST)
Hero Image
सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई। जागरण

जागरण संवाददाता,कानपुर। कमिश्नरेट के पुलिसकर्मियों को जनता से अभद्र व्यवहार और उनका काम समय से न करना भारी पड़ रहा है। फीडबैक सेल ने जनता से उनके क्षेत्र के पुलिसकर्मियों का लेकर सुझाव मांगे थे। जिसमें कई पुलिसकर्मियों का आचरण बहुत ही खराब मिला।

इसके आधार पर पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने कार्रवाई करते हुए सात पुलिसकर्मियों को निलंबित करते हुए आचरण और व्यवहार में सुधार लाने की सलाह भी दी है।

पुलिसकर्मियों के आचरण और व्यवहार की सत्यता जानने के लिये पहले जनता के आरोपों का सत्यापन कराया और फिर कार्रवाई की। फीडबैक सेल ने पहले जनता की बातों को सुना इसके बाद उनके द्वारा की गई शिकायतों का सत्यापन भी कराया।

इसे भी पढ़ें-प्रयागराज से मुंबई रूट की 59 ट्रेनें 10 दिन रहेंगी निरस्‍त, जानिए कब से कब तक

इस दौरान जिस भी पुलिसकर्मी का व्यवहार जनता के प्रति अभद्र पाया गया उसकी रिपोर्ट पुलिस आयुक्त को भेजी गई। उस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस आयुक्त ने दोषी सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की।

इन लोगों पर हुई निलंबन की कार्रवाई

पुलिस आयुक्त ने अनवरगंज थाने के दारोगा दुर्गेश प्रताप सिंह,बाबृूपुरवा थाने के हेडकांस्टेबल ग्रीसराज,बर्रा के हेडकांस्टेबल विजय, बेकनगंज के दारोगा केशव प्रसाद, कम्प्यूटर आपरेटर गौरीशंकर, बिठूर थाने के सिपाही सोनू यादव और चमनगंज के हेडकांस्टेबल मुस्तकीम को निलंबित किया है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिस भी पुलिसकर्मी की शिकायत जनता के प्रति उसकी शिकायत या आचरण खराब पाया जायेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर में जून का सूखा जुलाई ने किया दूर, पहले पांच दिन कितनी हुई बारिश, जानकर हो जाएंगे हैरान

चार्ज संभालते ही पुलिस की कार्यशैली सुधारने के लिये की थी पहल

लगातार आलोचना में खड़ी पुलिसिंग पर कई शहरवासियों ने मरहम भी लगाया गया और 12 से 14 घंटे की ड्यूटी में राहत देने की भी राय दी।

ज्यादातर सुझाव कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने, बेढ़ंगी हो रही यातायात की चाल और पुलिस के आचरण और व्यवहार को सुधारने के लिये आए थे।

विवेचक और महिला कांस्टेबल पर लगाया अभद्रता का आरोप

चकेरी निवासी महिला ने दो साल पहले पति और उसके दोस्तों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी विवेचना अतिरिक्त इंस्पेक्टर अनिल पांडेय कर रहे है। 29 जून को महिला कांस्टेबल मंजूलेश ने मुकदमे से संबंधित साक्ष्य देने के लिए बुलाया था।

अगले ही दिन वह साक्ष्य लेकर थाने पहुंची तो विवेचक नहीं मिले इस पर उन्होंने महिला कांस्टेबल मंजूलेश को साक्ष्य देने से मना कर दिया। आरोप है कि विवेचक अनिल पांडेय के दबाव में महिला कांस्टेबल ने अभद्रता की और जबरन देर शाम तक थाने में बैठाए रखा।

इसके बाद पीड़िता ने पुलिस आयुक्त अखिल कुमार से शिकायत कर मुकदमे का विवेचक बदलने की मांग की तो जांच चकेरी एसीपी दिलीप कुमार को सौंपी गई। चकेरी एसीपी दिलीप सिंह ने बताया कि प्राथमिक जांच में पीड़िता द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार है। पीड़िता से बीते कई दिनों से मुकदमे से संबंधित साक्ष्य मांगे जा रहे थे।

लेकिन वह साक्ष्य देने नहीं आ रही थी। जिस पर विवेचक अनिल पांडेय ने महिला कास्टेबल मंजूलेश के जरिए उन्हें साक्ष्य देने के लिए बुलाया था। इस दौरान विवेचक एक मुकदमे के संबंध में न्यायालय गए थे। जिस कारण पीड़िता को कुछ देर के लिए थाने में रोका गया था।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर