Move to Jagran APP

'समझ जाइए मुस्लिम वोट किधर जा रहे', किसे मिलेगा सीसामऊ विधानसभा की जनता का साथ? कहा- अब कर्ज उतारने का समय

सीसामऊ विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है। शहर में चुनावी रंग दिखाई देने लगा है। मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाता खामोश हैं पर उनकी खामोशी इशारों में बोल रही है। स्थानीय अब्दुल्ला बोले कि कितनी ज्यादती हुई है ये किसी से छिपा नहीं है। वोटन के समय पता चल जई। वहीं एक अन्य युवक ने कहा कि परिवर्तन की लहर चल रही है।

By shiva awasthi Edited By: Aysha Sheikh Updated: Wed, 06 Nov 2024 01:45 PM (IST)
Hero Image
बजरिया तिराहा में काम के बीच चुनावी चर्चा के दौरान उपस्थित क्षेत्रीय लोग। जागरण
भले सीसामऊ विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है, लेकिन चुनावी रण में शहर भर के योद्धा हैं, प्रदेश और देश स्तर के मुद्दे मुखर हैं। मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाता खामोश हैं, पर उनकी खामोशी इशारों में बोल रही है। सियासी रंग गाढ़ा हो चला है। चौक-चौराहों से गली-मुहल्लों तक चाय की चुस्कियों संग जीत-हार के समीकरण बन-बिगड़ रहे हैं। सरकार के पक्षधर कानून-व्यवस्था, बाबा के बुलडोजर, राम मंदिर, बेहतर सड़कें, राशन, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री आवास की थाती लिए हैं तो विरोधी महंगाई, बेरोजगारी और बुलडोजर की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाने से नहीं चूक रहे। पढ़िए, शिवा अवस्थी की रिपोर्ट...

जरीब चौकी चौराहा से आचार्य नगर संगीत टाकीज होकर चंद्रिका देवी चौराहा जाने वाली सड़क पर दोपहर 12 बजे जा रहे प्रचार रथ से घर-घर भगवा छाएगा की गूंज सुनाई पड़ी। चौराहे के पास खड़े देवेंद्र बोल पड़े, रंग तो वाकई इस बार चटख हो गया है। चुनाव एक विधानसभा क्षेत्र में है पर नेता पूरे देश के जुटे दिख रहे हैं। जनता राष्ट्रीय व प्रदेश की सियासत की ओर ही ताक रही है।

वोटन के समय पता चल जई: अब्दुल्ला

उनकी बात बीच में काटते हुए अब्दुल्ला बोले, कितनी ज्यादती हुई है, ये किसी से छिपा नहीं है। वोटन के समय पता चल जई। थोड़ी दूर बैठे राम किशोर भला कहां चुप रहते हैं। बोले-राष्ट्र सर्वोपरि है। सहानुभूति कुछ होती है। बार-बार का झंझट इस बार खत्म हो जाएगा। परिवर्तन की लहर चल रही है। चंद्रिका देवी चौराहा से हलीम मुस्लिम कालेज की ओर आगे बढ़ने पर चाय की दुकान पर चुस्की ले रहे शफीक से चुनावी चर्चा छेड़ते ही चुप्पी छा गई।

आसपास के लोग भी एकदम सजग हो गए। जवाब देने के बजाय उल्टे जवाब दागा, किया क्या है सरकारों ने। बस जहां देखो, वहां बुलडोजर भेज दिया। कमजोर सताए जा रहे हैं और बड़े मौज काट रहे। इसी क्षेत्र को देख लीजिए, बिना किए की सजा मिल गई। अब समझ लीजिए मुस्लिम वोट किधर जा रहे हैं।

'सरकार योजनाओं का लाभ देने में नहीं कर रही भेदभाव'

उन्हें चुप कराते हुए सलीम बोले, देखिए केंद्र व प्रदेश सरकारें जब योजनाओं का लाभ देने में कोई भेदभाव नहीं कर रही हैं तो भला हम काहे करें। सबको सोचना चाहिए कि अब कर्ज उतारने का समय है। जब आप मतभेद भुलाएंगे, तभी तो सामने वाले और तत्परता से साथ देंगे। रूपम चौराहा के पास खड़े युवा कामकाज गिनाते हैं। सपा के कार्यकाल में हुए कार्यों के साथ भाजपा के कामों की तुलना करते हैं।

फिर बोले, इधर तो सब साइकिल ही दौड़ रही। भाजपा के कुछ नेताओं की वजह से वोट उनको भी मिलेगा पर पलड़ा किसका भारी रहेगा, ये समझने की बात है। आगे बजरिया तिराहा की ओर बढ़ने पर कई जगह चुनावी चर्चा में मशगूल मिले लोगों के बीच भी दलीय प्रतिस्पर्धा से दूर पुराने संबंधों पर जोर दिखाई पड़ा। बसपा व भाजपा के लिए भी कई जगह तर्क गढ़ने वाले मिले।

'महिलाओं के लिए गैस सिलेंडर मिला'

आफताब, फहीम बोले कि महिलाओं के लिए गैस सिलेंडर मिला है। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास भी दिए गए हैं। इसलिए पैसा लेने वाले कर्ज उतार दें तो भला इसमें कौन सी गलत बात है। बजरिया तिराहा के पास ग्वालटोली के राकेश, सुरसा देवी मंदिर के मातादीन, वाहनों में पेंटिंग कर रहे शौकत समेत आधा दर्जन लोगों के बीच भी चर्चा तेज मिली।

शौकत बिना वजह किसी को परेशान करने को लेकर सरकार के विरोध में दिखे तो राकेश ने कानून-व्यवस्था, सड़कों, एक्सप्रेसवे से लेकर विकास कार्यों को लेकर पक्ष लिया। मातादीन से लेकर कई अन्य ने मंदिर-मस्जिद, जाति के बजाय राष्ट्र के लिए वोट करने का तर्क दिया।

इसी बीच पास खड़े दिनेश बोले, चुनाव सीसामऊ का है पर पूरे शहर के नेता क्षेत्र में घूम रहे हैं। अब जोर दिखाने का समय मतदाता का है। इसलिए बहुत सोचने-समझने की जरूरत है। विकास कराने में कौन सक्षम होगा, केंद्र व प्रदेश में सरकारों के नफा-नुकसान का आकलन करके ही आगे बढ़ना होगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।