Love Jihad Kanpur Case: एसआइटी के सामने नौ केस, पीएफआइ और सिमी कनेक्शन का भी शक
पुलिस और एसआइटी जांच में शक है कि मामूली हैसियत वाले अारोपित अदालती खर्च का बोझ कैसे उठा रहे हैं।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Wed, 02 Sep 2020 10:54 AM (IST)
कानपुर, जेएनएन। लव जिहाद के मामलों में खुफिया इनपुट के आधार पर पुलिस आरोपितों के पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) और स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के संपर्क भी तलाशेगी। पुलिस ने यह कवायद इसलिए शुरू की है, क्योंकि जानकारी मिली है कि माली हालत ठीक नहीं के बाद भी आरोपित अदालती कार्रवाई में खासी रकम खर्च कर रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि आखिर उन्हें ये फंडिंग कौन कर रहा है।
अबतक नौ केस मिले एसआइटी के गठन के बाद से पुलिस ने अब तक केवल कानपुर दक्षिण के थानों का रिकॉर्ड ही निकलवाया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कानपुर दक्षिण के थानों में वर्ष 2019 में ऐसे छह मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें मुस्लिम युवक हिंदू लड़की को बहला-फुसला कर साथ ले गया जबकि वर्ष 2020 में तीन मुकदमे सामने आए हैं। हालांकि इसके अलावा एसपी पूर्वी, एसपी पश्चिम और एसपी ग्रामीण के थाना क्षेत्रों से जुड़े किसी भी मामले की जानकारी अब तक एसआइटी को नहीं भेजी गई है जबकि हाल ही में पनकी और कल्याणपुर में इन मामलों से जुड़े दो मुकदमे पंजीकृत हुए हैं।
आइजी ने एसपी साउथ को दिए अधिकार आइजी मोहित अग्रवाल ने पनकी वाले प्रकरण में पुलिस की लापरवाही की खबरों पर एसपी साउथ दीपक भूकर से बात की तो उन्होंने कार्यक्षेत्र न होने का हवाला दिया। इस पर आइजी ने उनसे कहा कि वह लव जिहाद से जुड़े जनपद के किसी भी हिस्से में हुए मामले की जांच कर सकते हैं। आइजी ने एसपी साउथ को निर्देश दिए कि ऐसी सूचनाएं मिली हैं कि पीएफआइ और सिमी जैसे संगठन लव जिहाद जैसे मामलों में सक्रिय हैं।
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शालिनी यादव प्रकरण में आरोपित का पिता एक फर्नीचर की दुकान में काम करता था और उसकी मामूली कमाई थी। इसके बावजूद उसने लाखों रुपये खर्च करके दिल्ली और प्रयागराज में बड़े वकील किए। इसके मतलब है कोई है जो उसकी आर्थिक मदद कर रहा है। आइजी ने आरोपितों के मोबाइल नंबरों से ऐसे संगठनों व ऐसे लोगों के बारे में जानकारी जुटाने का निर्देश भी दिया है।
सर्विलांस जांच के लिए लगाई स्वाट लव जिहाद मामलों की सर्विलांस जांच के लिए एसएसपी ने स्वाट टीम को लगाया है। सूत्रों के अनुसार एसआइटी डेढ़ दर्जन से अधिक नंबरों के रिकार्ड निकलवाकर देख रही है कि इनकी बात कहां-कहां हो रही है। आरोपितों के अलावा उनके मददगारों के नंबर भी जांच के लिए सर्विलांस टीम ने निकाले हैं। एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि स्वाट टीम ने आरोपितों की सर्विलांस जांच तेज की है।
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