महिला अधिकारी के नेतृत्व में नारी शक्ति की आकाशीय पहुंच, फाइटर पायलटों के लिए पैराशूट बना रही महिलाएं
आसमान से जमीन पर पायलट और सैनिकों को सुरक्षित लाने वाले पैराशूट के निर्माण में नारी शक्ति की भी अहम भूमिका है। रक्षा मंत्रालय के डीपीएसयू ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड की इकाई आयुध पैराशूट निर्माणी यानी ओपीएफ जीटी रोड में सुखोई-30 समेत अन्य विमानों के पैराशूट निर्माण के चुनौतीपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी 68 महिला कर्मचारियों का निर्देशन करते हुए कनिष्ठ कार्य प्रबंधक किरन राजपाल 22 साल से बखूबी निभा रही हैं।
विवेक मिश्र, कानपुर। देश की महिलाओं का गौरवमयी इतिहास रहा है। कभी उनकी भागीदारी केवल सांस्कृतिक गतिविधियों तक सीमित रहती थी लेकिन आज बदलते भारत में नारियों की क्षमताओं का दम धरती से आसमान तक दिख रहा है। रक्षा उत्पादन क्षेत्र में नारी शक्ति पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर युद्धवीरों की सुरक्षा का मजबूत तंत्र तैयार कर रही हैं।
आसमान से जमीन पर पायलट और सैनिकों को सुरक्षित लाने वाले पैराशूट के निर्माण में नारी शक्ति की भी अहम भूमिका है। रक्षा मंत्रालय के डीपीएसयू ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड की इकाई आयुध पैराशूट निर्माणी यानी ओपीएफ, जीटी रोड में सुखोई-30 समेत अन्य विमानों के पैराशूट निर्माण के चुनौतीपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी 68 महिला कर्मचारियों का निर्देशन करते हुए कनिष्ठ कार्य प्रबंधक किरन राजपाल 22 साल से बखूबी निभा रही हैं।
किरन बताती हैं कि ओपीएफ में उनके पास पैराशूट उत्पादन के लिए समर्पित महिलाओं के पी-3 अनुभाग प्रमुख की जिम्मेदारी है। उनके ही पास निर्माणी की प्रयोगशाला का भी प्रभार है। वर्तमान में पी-3 अनुभाग में 68 महिलाएं (18 प्रशिक्षुओं सहित) हैं। महिलाओं की यह टीम पायलट पैराशूट फार सुखोई-30, ब्रेक पैराशूट फॉर एलसीए और मैनकैरिंग पैराशूट पीटीए-आर के उत्पादन कार्य में जुटी हैं।
वो बताती हैं कि निर्माणी में काम करने वाली महिला कर्मचारी देश के लिए योगदान देने वाले कार्य में शामिल होकर खुद को गौरवान्वित महसूस करती हैं। घर परिवार के साथ वो पैराशूट उत्पादन की जिम्मेदारी भी आगे बढ़कर निभा रही हैं।
उन्होंने बताया कि वायु सेना, आर्मी के साथ गृह मंत्रालय ने पैराशूट की समयबद्ध आपूर्ति, गुणवत्तायुक्त उत्पादों की सराहना है। इसका श्रेय कंपनी के सीएमडी विजय कुमार तिवारी, ओपीएफ महाप्रबंधक एमसी बालासुब्रमण्यम और महिला कर्मचारियों को जाता है।
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वर्ष 2023 में उपलब्धियों के क्रम में स्पीड रेजिस्टेंस पैराशूट फॉर एथलीट, वाटरप्रूफ मल्टी परपज रेन पंचो कन्वर्टेबल एज बियोएक और ड्रोन रेस्क्यू पैराशूट का भी उत्पादन किया। वर्तमान में गजराज पीटीए जी-2 पैराशूट सिस्टम और हार्नेस फॉर पायलट पैराशूट फार हाक पर एडीआरडीई के सहयोग से काम चल रहा है। पी सेवन हैवी ड्राप पैराशूट सिस्टम की सप्लाई के लिए सेना से आर्डर मिला है।निश्चित तौर पर बदलते भारत में रक्षा क्षेत्र में नारी शक्ति अपनी ताकत दिखा रही हैं। ओपीएफ में पी-3 अनुभाग में कार्यरत 68 महिलाएं पैराशूट उत्पादन कार्य को बखूबी निभा रही हैं। पुरुषों के साथ मिलकर ये हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।
-एमसी बालासुब्रमण्यम, महाप्रबंधक, ओपीएफ।