Smart Meter: यूपी के इस जिले में रोका गया स्मार्ट मीटर का काम, आखिर क्यों बिजली विभाग ने लिया ये फैसला?
कानपुर में केस्को ने स्मार्ट मीटर लगाने का अभियान फिलहाल रोकने का फैसला किया है। दरअसल स्मार्ट मीटर लगाने से पहले उपभोक्ताओं का 70 पैरामीटरों पर सत्यापन कार्य कराया जा रहा है। साथ ही स्मार्ट मीटर की टेस्टिंग भी कराई जा रही है। इस कार्य में 15 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। तब तक स्मार्ट मीटर का कार्य लंबित रहेगा।
जागरण संवाददाता, कानपुर। स्मार्ट मीटर लगाने का अभियान सितंबर से शुरू होना था,लेकिन कंपनी के सत्यापन कार्य में खामियों के कारण यह शुरू नहीं हो सका। इससे पहले जीनस कंपनी को 92 हजार उपभोक्ताओं का 70 निर्धारित पैरा मीटरों का घर-घर जाकर सत्यापन करना था, लेकिन कंपनी ने बिना उपभोक्ता सत्यापन किए स्मार्ट मीटर लगाने की तारीख तय कर ली थी।
ऐन वक्त में केस्को के अधिकारियों को पता चलने पर इस अभियान टाल दिया। कंपनी को 15 नवंबर तक उपभोक्ताओं का सत्यापन करके सूची बनाने के लिए कहा गया है, इसके बाद ही केस्को स्मार्ट मीटर लगाने का काम करेगा।
एएमआइएसपी योजना के तहत मीटर लगा रहा केस्को
केस्को 582 करोड़ रुपये के बजट से एएमआइएसपी (एडवांस मीटरिंग इंफ्राटेक्चर प्रोवाइटर) योजना के तहत स्मार्ट मीटर लगा रहा है। वर्ष 2025 तक छह लाख 50 हजार घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। बीते एक माह में दो बार स्मार्ट मीटर लगाने की तारीख तय हुई थी,लेकिन दोनों ही तारीखों में मीटर नहीं लग सके हैं।
केस्को के अधिकारियों ने बताया कि मीटर सप्लाई का जिम्मा गुरूग्राम की कंपनी जीनस को सौंपा गया है। अभी तीन फेज के पांच सौ मीटरों की सप्लाई हुई है, जबकि इस माह के अंत तक कंपनी एक से पांच किलो वाट तक के 10 हजार मीटरों की सप्लाई होनी है। मीटरों की टेस्टिंग के साथ ही उपभोक्ताओं का सत्यापन कार्य पूरा नहीं होने के कारण अभियान रोक दिया गया था।
कंपनी को प्रथम चरण में 92 हजार उपभोक्ताओं का सत्यापन करना था, जिसमें 52 पैरामीटर पर ही कंपनी सत्यापन का कार्य पूरा कर पाई थी, मामले की जानकारी के बाद केस्को के अधिकारियों ने सभी 70 पैरामीटरों का सत्यापन होने के बाद ही स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णय लिया है।
कंपनी को सत्यापन के लिए उपभोक्ताओं के घर तक सप्लाई होने वाली बिजली के लिए सबस्टेशन,फीडर,ट्रांसफार्मर,पोल तक का विवरण गूगल मैप के साथ दर्ज करना होगा। इन पैरामीटरों के पूरा होने के बाद ही स्मार्ट मीटर उपभोक्ता के घर में लगाया जाएगा।
स्मार्ट मीटरों की एनबीएल से हो रही जांच
स्मार्ट मीटर लगाने से पहले उनकी गुणवत्ता को चेक कराया जा रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश पावर कारर्पोंरेशन ने भारत सरकार की संस्था एनएबीएल (नेशनल एक्रेडेशन बोर्ड आफ टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीज) से कराया जा रहा है। स्मार्ट मीटरों के परीक्षण के लिए सबसे ज़्यादा मान्यता प्राप्त यह संस्था हैं। केस्को इस संस्थान की रिपोर्ट मिलने का भी इंतजार कर रहा है।
10 साल तक नहीं बदला जाएगा स्मार्ट मीटर
जीनस कंपनी को स्मार्ट मीटर लगाने के साथ ही आगामी 10 वर्षों तक संरक्षण का भी काम सौंपा गया है। यह कंपनी अभी शहर के 543 फीडरों में से 17 में स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा कर चुकी है। इसके साथ ही 6700 ट्रांसफार्मर में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
अधिशासी अभियंत आइटी सर्वेश पांडेय ने बताया-
स्मार्ट मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं का 70 पैरामीटरों पर सत्यापन कार्य कराया जा रहा है। इसके साथ ही स्मार्ट मीटर की टेस्टिंग भी कराई जा रही है। इस कार्य में 15 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो सकता है।
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